पेटीएम से टक्कर में बढ़ा फोनपे और अमेजॉन पे का घाटा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 31 Oct, 2018 04:25 PM

collapse collapsed phone pay and amazon pay deficit

ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह ही उनके पेमेंट्स एंटिटीज के बीच की प्रतिस्पर्धा भी काफी नुकसानदायक साबित हो रही है। बीते वित्त वर्ष 2017-18 में फ्लिपकॉर्ट के पेमेंट्स प्लैटफॉर्म फोन पे और अमेजॉन के अमेजॉन पे का घाटा जोड़कर

बेंगलुरुः ई-कॉमर्स कंपनियों की तरह ही उनके पेमेंट्स एंटिटीज के बीच की प्रतिस्पर्धा भी काफी नुकसानदायक साबित हो रही है। बीते वित्त वर्ष 2017-18 में फ्लिपकॉर्ट के पेमेंट्स प्लैटफॉर्म फोन पे और अमेजॉन के अमेजॉन पे का घाटा जोड़कर करीब 1,135 करोड़ रुपए तक पहुंच गया। दोनों को यह नुकसान पेमेंट्स मार्केट की लीडर पेटीएम से मुकाबला करने के कारण हुआ है। 

1 वर्ष में 5 गुना हुआ घाटा 
जहां फोनपे का घाटा एक वर्ष पहले के 129 करोड़ रुपए से बढ़कर करीब-करीब 800 करोड़ रुपए तक पहुंच गया, वहीं अमेजॉन पे का एक वर्ष पहले के मुकाबले वित्त वर्ष 2017-18 में दोगुना होकर 335 करोड़ रुपए हो गया। यह जानकारी रिजस्ट्रार ऑफ कंपनीज के पास जमा दस्तावेजों से मिली है जिन्हें इंटेलिजेंस प्लैटफॉर्म टॉफलर ने हासिल किया है। 

ये हैं नुकसान के कारण 
इससे पता चलता है कि अमेजॉन पे और फोनपे के कुल खर्च में बड़ी वृद्धि हुई है क्योंकि दोनों ने डिस्काउंट्स और कैशबैक्स के मोर्चे पर पेटीएम को टक्कर देने की दिशा में कदम बढ़ाया। वहीं, आरबीआई ने इनके लिए केवाईसी (नो योर कस्टमर) को अनिवार्य बना दिया।इससे चालू वित्त वर्ष में ई-वॉलिट प्लेयर्स की कारोबारी लागत में और बढ़ोतरी हो गई। केवाइसी कंप्लांयस से खर्च में वृद्धि का नुकसान अगले वर्ष की फाइलिंग में सामने आएगा।  

खर्च बढ़ा, रेवेन्यू में भी जबर्दस्त इजाफा 
वित्त वर्ष 2017-18 में ऐमजॉन पे का कुल खर्च बढ़कर 727 करोड़ रुपए हो गया जो उसके पिछले वित्त वर्ष 2016-17 में महज 185 करोड़ रुपए था। दूसरी ओर, वित्त वर्ष 2017-18 में उसका रेवेन्यू भी बढ़कर करीब-करीब 390 करोड़ रुपए तक पहुंच गया जो एक वर्ष पहले तक महज 4 करोड़ रुपए था। इस दौरान फोनपे का रेवेन्यू भी 3 करोड़ रुपए से बढ़कर 43 करोड़ रुपए हो गया। 

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