Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Apr, 2024 05:42 PM
देश का वस्तुओं का निर्यात भू-राजनीतिक तनाव की वजह से मार्च में मामूली रूप से घटकर 41.68 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2023-24 के समूचे वित्त वर्ष में यह 3.11 प्रतिशत गिरकर 437.06 अरब डॉलर रहा। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से सोमवार को जारी व्यापार आंकड़ों के...
नई दिल्लीः देश का वस्तुओं का निर्यात भू-राजनीतिक तनाव की वजह से मार्च में मामूली रूप से घटकर 41.68 अरब डॉलर रह गया, जबकि 2023-24 के समूचे वित्त वर्ष में यह 3.11 प्रतिशत गिरकर 437.06 अरब डॉलर रहा। वाणिज्य मंत्रालय की तरफ से सोमवार को जारी व्यापार आंकड़ों के मुताबिक, मार्च के महीने में देश का आयात भी 5.98 प्रतिशत घटकर 57.28 अरब डॉलर रहा। इस तरह वित्त वर्ष 2023-24 के अंतिम महीने में देश का व्यापार घाटा 15.6 अरब डॉलर का रहा। निर्यात और आयात आंकड़ों के बीच के अंतर को व्यापार घाटा कहा जाता है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान कुल आयात 677.24 अरब डॉलर रहा, जो वर्ष 2022-23 के 715.97 अरब डॉलर से 5.41 प्रतिशत कम है। इस दौरान देश का व्यापार घाटा 240.17 अरब डॉलर था।
वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने व्यापार आंकड़ों की जानकारी देते हुए कहा कि पश्चिम एशिया के हालात पर मंत्रालय की नजर बनी हुई है और उसके हिसाब से ‘उचित कार्रवाई' की जाएगी। बर्थवाल ने कहा कि देश से माल एवं सेवाओं का कुल निर्यात वर्ष 2022-23 के उच्चतम रिकॉर्ड स्तर से आगे निकलकर 776.68 अरब डॉलर हो जाने का अनुमान है। यह वित्त वर्ष 2022-23 में 776.40 अरब डॉलर रहा था। उन्होंने कहा कि मार्च में 41.68 अरब डॉलर का वस्तु निर्यात हुआ जो बीते वित्त वर्ष में सबसे अधिक है।
समूचे वित्त वर्ष में माल निर्यात वृद्धि इलेक्ट्रॉनिक उत्पाद, दवाएं एवं चिकित्सा, इंजीनियरिंग वस्तु, लौह अयस्क, सूती धागा, हथकरघा उत्पाद और सिरेमिक उत्पाद एवं कांच के बर्तनों की वजह से हुई है। इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों का निर्यात 2022-23 के 23.55 अरब डॉलर से 23.64 प्रतिशत बढ़कर 29.12 अरब डॉलर हो गया। इस दौरान दवाओं और औषधि का निर्यात 25.39 अरब डॉलर से 9.67 प्रतिशत बढ़कर 27.85 अरब डॉलर हो गया।
आंकड़ों से पता चलता है कि 2023-24 में इंजीनियरिंग वस्तुओं का निर्यात 2.13 प्रतिशत बढ़कर 109.32 अरब डॉलर हो गया। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि देश का कुल व्यापार घाटा वित्त वर्ष 2022-23 के 121.62 अरब डॉलर से 35.77 प्रतिशत सुधरकर 2023-24 में 78.12 अरब डॉलर रहने का अनुमान है।