देश का चालू खाता घाटा बढ़कर GDP के 2.5 फीसदी पर रहने का अंदेशाः मूडीज

Edited By Supreet Kaur,Updated: 20 Aug, 2018 10:32 AM

current account deficit of the country will increase to 2 5 percent of gdp

देश का चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) का ढाई फीसदी रहने की संभावना है। इसकी प्रमुख वजह रुपए में गिरावट होना और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी होना है।

नई दिल्लीः देश का चालू खाते का घाटा वित्त वर्ष 2018-19 में बढ़कर सकल घरेल उत्पाद (जीडीपी) का ढाई फीसदी रहने की संभावना है। इसकी प्रमुख वजह रुपए में गिरावट होना और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी होना है।

रेटिंग एजेंसी मूडीज इंवेस्टर्स सर्विस के वरिष्ठ विश्लेषक उपाध्यक्ष जॉय रणकोठगे ने कहा कि जहां कमजोर रुपए से निर्यात मार्जिन को लाभ होगा वहीं व्यापार घाटे पर यह उल्टा असर डालेगा। जुलाई में यह पांच साल के उच्च स्तर यानी 18.02 अरब डॉलर पर रहा है।

उल्लेखनीय है कि पिछले हफ्ते तुर्की के लीरा संकट के चलते डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा 70.32 के सर्वकालिक निचले स्तर तक पहुंच गई थी। रणकोठगे ने कहा कि 2018-19 में भारत का चालू खाता घाटा बढ़कर जीडीपी का 2.5 फीसदी तक हो सकता है। 2017-18 में यह 1.5 फीसदी था। इसकी प्रमुख वजह तेल की ऊंची कीमत है।      
 

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