Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Sep, 2018 06:53 PM
केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि सरकार पैट्रोल-डीजल के दाम को काबू में रखने को लेकर जो रुख अपना रही है वह उचित है क्योंकि इन ईंधनों पर उत्पाद शुल्क में कटौती से राजकोषीय घाटा बढ़ेगा और समस्या कम होने की बजाए जटिल हो जाएगी।
नई दिल्लीः केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को कहा कि सरकार पैट्रोल-डीजल के दाम को काबू में रखने को लेकर जो रुख अपना रही है वह उचित है क्योंकि इन ईंधनों पर उत्पाद शुल्क में कटौती से राजकोषीय घाटा बढ़ेगा और समस्या कम होने की बजाए जटिल हो जाएगी। उन्होंने यह बात ऐसे समय कही है जबकि विपक्ष पेट्रोलियम ईंधन के भाव में तेजी को लेकर उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग कर रहा है।
रेल और कोयला मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाल रहे गोयल ने कहा कि पेट्रोलियम उत्पादों के मूल्य पर सरकार की सोच उचित है और वह समस्या को बढ़ाने वाला कोई कदम नहीं उठाना चाहती। रेल मंत्री गोयल ने कहा, ‘‘ईंधन के दाम को लेकर सरकार का मौजूदा रुख बिल्कुल सही है क्योंकि अगर उत्पाद शुल्क में कटौती की जाती है तो इससे राजकोषीय घाटा बढ़ेगा जिससे समस्या सुलझने के बजाए उलझेगी।’’
रुपए की विनियम दर में गिरावट के साथ पैट्रोल की कीमत दिल्ली में करीब 80 रुपए जबकि डीजल की कीमत 73 रुपए लीटर के आसपास पहुंच गई है। ईंधन के दाम में तेजी के बीच उत्पाद शुल्क में कटौती की मांग की जा रही है। केंद्र फिलहाल पैट्रोल पर 19.48 रुपए लीटर जबकि डीजल पर 15.33 रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क वसूलती है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के लिए राजकोषीय घाटा 3.3 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा है।
गोयल ने कहा कि सरकार को कोई भी कदम दीर्घकाल में उसके पडऩे वाले प्रभाव को ध्यान में रखकर उठाना चाहिए न कि अल्पकालीन हितों को ध्यान में रखना चाहिए। कोयला मंत्रालय की भी जिम्मेदारी संभाल रहे गोयल ने उदाहरण देते हुए कहा, ‘‘रुपए की विनिमय दर में गिरावट थामने के लिए आरबीआई ने 2013 में विदेशी मुद्रा जुटाने को लेकर प्रवासी भारतीयों को बांड (एफसीएनआर (बी) जारी किए गए। इसके परिपक्व होने पर हमने 2016-17 में इसका भुगतान किया। इसी प्रकार, संप्रग शासन 1.5 लाख करोड़ रुपए का तेल बांड जारी किया गया जिसमें से हमने अभी 50,000 करोड़ रुपए दिया है।’’