Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Aug, 2019 05:25 PM
दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अगले तीन वर्ष में सालाना 10 करोड़ यात्रियों की आवाजाही के लिए तैयार हो जाएगा जबकि विमान परिचालन क्षेत्र की क्षमता बढ़ाकर 14 करोड़ यात्री सालाना की जाएगी। हवाई अड्डे का प्रबंधन करने वाली दिल्ली
नई दिल्लीः दिल्ली का इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा अगले तीन वर्ष में सालाना 10 करोड़ यात्रियों की आवाजाही के लिए तैयार हो जाएगा जबकि विमान परिचालन क्षेत्र की क्षमता बढ़ाकर 14 करोड़ यात्री सालाना की जाएगी। हवाई अड्डे का प्रबंधन करने वाली दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा लिमिटेड की मुख्य प्रवर्तक कंपनी जीएमआर समूह के उप प्रबंध निदेशक आई. प्रभाकर राव ने सोमवार को बताया कि मास्टर प्लान 2016 के अनुरूप इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विस्तार के चरण 3ए का काम शुरू हो गया है। इसका लक्ष्य बिना परिचालन को बाधित किये, समयबद्ध तरीके से हवाई अड्डे का क्षमता विस्तार करना है।
उन्होंने बताया कि विस्तार के इस चरण का काम वर्ष 2022 तक पूरा हो जाएगा। इसके तहत टर्मिनल-1 का विस्तार किया जाएगा, टर्मिनल-3 में बदलाव किया जाएगा, चौथे रनवे का निर्माण किया जाएगा तथा टर्मिनलों के बीच यात्रियों की आवाजाही आसान बनाने के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचों का निर्माण किया जाएगा। इसके बाद हवाई अड्डे की क्षमता बढ़कर सालाना 10 करोड़ यात्रियों की हो जाएगी जबकि विमान परिचालन क्षेत्र की क्षमता बढ़कर 14 करोड़ यात्रियों की हो जाएगी।
वित्त वर्ष 2018-19 में हवाई अड्डे पर करीब छह करोड़ 92 लाख 34 हजार यात्रियों की आवाजाही रही थी। क्षमता विस्तार के लिए जरूरी निर्माण का ठेका निर्माण एवं अभियांत्रिकी क्षेत्र की जानी-मानी कंपनी एलएंडटी को दिया गया है। उसे इंजीनियरिंग से निर्माण तक की जिम्मेदारी दी गई है।