Edited By jyoti choudhary,Updated: 17 Sep, 2023 02:27 PM
भारत में डीजल की बिक्री सितंबर के पहले पखवाड़े में घटी है। बारिश के कारण मांग घटने और देश के कुछ हिस्सों में औद्योगिक गतिविधियां धीमी होने से इस सबसे ज्यादा इस्तेमाल वाले ईंधन की मांग लगातार दूसरे माह गिरावट आई है। सार्वजनिक क्षेत्र की पेट्रोलियम...
नई दिल्लीः भारत में डीजल की बिक्री सितंबर के पहले 15 दिनों में घटी है। बारिश के कारण मांग घटने और देश के कुछ हिस्सों में इंडस्ट्रियल एक्टिविटी धीमी होने से इस सबसे ज्यादा इस्तेमाल वाले ईंधन की मांग में लगातार दूसरे माह गिरावट आई है। पब्लिक सेक्टर की पेट्रोलियम कंपनियों के आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। पब्लिक सेक्टर की तीन पेट्रोलियम कंपनियों की डीजल बिक्री में सितंबर के पहले 15 दिनों में सालाना आधार पर गिरावट आई, जबकि पेट्रोल की मांग में मामूली बढ़ोतरी हुई है।
डीजल की बिक्री में 5.8% की गिरावट
देश में सबसे अधिक इस्तेमाल वाले ईंधन डीजल की खपत सालाना आधार पर एक से 15 सितंबर के बीच 5.8 प्रतिशत गिरकर 27.2 लाख टन रह गई। अगस्त के पहले पखवाड़े में भी खपत में इसी अनुपात में गिरावट आई थी।
हालांकि, मासिक आधार पर डीजल की बिक्री 0.9 प्रतिशत बढ़ी है। अगस्त के पहले 15 दिनों में डीजल की बिक्री 27 लाख टन रही थी। डीजल की बिक्री आमतौर पर मानसून के महीनों में गिर जाती है क्योंकि बारिश के कारण एग्रीकल्चर सेक्टर में मांग कम हो जाती है। सिंचाई, कटाई और परिवहन के लिए इस ईंधन का इस्तेमाल किया जाता है। इसके अलावा बारिश के कारण वाहनों की आवाजाही भी कम होती है।
अप्रैल और मई में बढ़ी थी खपत
अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमशः 6.7 फीसदी और 9.3 फीसदी बढ़ी थी। इसकी वजह यह है कि उस समय खेती के लिए डीजल की मांग में उछाल आया था। इसके अलावा गर्मी से बचाव के लिए वाहनों में एयर कंडीशनर का इस्तेमाल बढ़ा था। हालांकि, मानसून के आगमन के बाद जून के दूसरे पखवाड़े से डीजल की मांग घटने लगी थी। जुलाई के पहले पखवाड़े में इसमें गिरावट आई थी, लेकिन उस महीने के दूसरे पखवाड़े में इसमें तेजी रही थी।
पेट्रोल की मांग में मामूली बढ़त
पेट्रोल की मांग भी सितंबर के पहले पखवाड़े में पिछले साल की समान अवधि से 1.2 प्रतिशत बढ़कर 13 लाख टन रही। अगस्त के पहले पखवाड़े में इसमें 8 फीसदी की गिरावट आई थी। जुलाई के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की खपत में 10.5 फीसदी की गिरावट आई थी लेकिन दूसरे पखवाड़े में बिक्री में सुधार आया था। आंकड़ों के अनुसार, मासिक आधार पर सितंबर में पेट्रोल की बिक्री 8.8 फीसदी बढ़ी है।
देश की अर्थव्यवस्था का बेहतर प्रदर्शन
भारत की अर्थव्यवस्था ने जुझारू क्षमता का प्रदर्शन किया है और 2023 की पहली छमाही में इसके ज्यादातर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से बेहतर प्रदर्शन करने की उम्मीद है। इससे ईंधन की मांग बढ़ रही है। सितंबर के पहले पखवाड़े में पेट्रोल की खपत कोविड महामारी से प्रभावित अवधि यानी 1-15 सितंबर 2021 की तुलना में 29.2 फीसदी अधिक रही है। वहीं महामारी से पहले की अवधि यानी सितंबर 2019 की तुलना में 20.8 फीसदी अधिक है। डीजल की खपत 1-15 सितंबर 2021 की तुलना में 26 फीसदी और 1-15 सितंबर, 2019 की तुलना में 36.4 प्रतिशत अधिक रही है।
हवाई यात्रियों की संख्या में उछाल
हवाई यात्रियों की संख्या लगातार बढ़ रही है। इससे विमान ईंधन यानी ATF की मांग सितंबर के पहले 15 दिनों में 6.8 प्रतिशत बढ़कर 2,92,500 टन पर पहुंच गई है। सितंबर 2021 के पहले पखवाड़े की तुलना में यह 53.9 फीसदी अधिक रही है। हालांकि, सितंबर 2109 से यह पांच फीसदी कम है। मासिक आधार पर जेट ईंधन की बिक्री 1.8 प्रतिशत घटी है। एक से 15 अगस्त 2023 के दौरान एटीएफ की बिक्री 2,98,000 टन रही थी।
रसोई गैस की बिक्री में 10.2% का उछाल
रसोई गैस या एलपीजी की बिक्री समीक्षाधीन अवधि में सालाना आधार पर 10.2 प्रतिशत बढ़कर 13.6 लाख टन पर पहुंच गई। सितंबर 2021 के पहले पखवाड़े की तुलना में यह 15.5 फीसदी और कोविड-पूर्व की सितंबर 2019 की समान अवधि की तुलना में यह 35 फीसदी अधिक है। मासिक आधार पर एलपीजी की मांग 12 फीसदी बढ़ी है। अगस्त के पहले पखवाड़े में एलपीजी की बिक्री 12.1 लाख टन रही थी।