डिजीटल पेमैंट की बढ़ती रफ्तार से खतरे में चैक का वजूद

Edited By Supreet Kaur,Updated: 23 Aug, 2018 10:00 AM

due to the increasing speed of digital payment the check in danger prevails

डिजीटल पेमैंट के बढ़ते ऑप्शन के बावजूद कैश पेमैंट पॉपुलर हैं लेकिन चैक के वजूद पर खतरा मंडरा रहा है। चैक से पेमैंट लगातार घटती जा रही है। 2010 में कुल बैंकिंग ट्रांजैक्शन में चैक पेमैंट की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत थी लेकिन अब घट कर 3 प्रतिशत रह गई है।

नई दिल्लीः डिजीटल पेमैंट के बढ़ते ऑप्शन के बावजूद कैश पेमैंट पॉपुलर हैं लेकिन चैक के वजूद पर खतरा मंडरा रहा है। चैक से पेमैंट लगातार घटती जा रही है। 2010 में कुल बैंकिंग ट्रांजैक्शन में चैक पेमैंट की हिस्सेदारी 10 प्रतिशत थी लेकिन अब घट कर 3 प्रतिशत रह गई है।

भारतीय रिजर्व बैंक के आंकड़ों के विश्लेषण के बाद पाया गया कि जून तिमाही (2018) में चैक पेमैंट घट कर 3 प्रतिशत रह गई थी। हर गुजरते साल के साथ चैक पेमैंट की रफ्तार में गिरावट आ रही है। नैशनल पेमैंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया के पूर्व चीफ  ए.पी. होता का कहना है कि पूरी दुनिया में चैक पेमैंट का चलन घट रहा है और भारत इसका अपवाद नहीं है। इलैक्ट्रॉनिक पेमैंट्स काफी कारगर और सेफ  हैं। इससे चैक पेमैंट का चलन घट रहा है पिछले कुछ सालों के दौरान पेमैंट्स की पूरी दुनिया काफी बदल गई है। बिजनैस और रिटेल पेमैंट दोनों तेजी से ऑनलाइन की ओर शिफ्ट होते जा रहे हैं। बड़ी वैल्यू वाली पेमैंट आर.टी.जी.एस. से हो रही है। अगस्त में आर.टी.जी.एस. पेमैंट पहली बार 100 करोड़ रुपए के आंकड़े को पार कर गई।

ऑनलाइन ट्रांजैक्शन में बढ़ौतरी
बड़े ट्रांजैक्शन भी नैशनल इलैक्ट्रॉनिक्स फंड्स ट्रांसफर (एन.ई.एफ.टी.) और इमीडेट पेमैंट सर्विस (आई.एम.पी.एस.) के जरिए बढ़े हैं। वॉलेट और बैंक पेमैंट के भी विकल्प काफी बढ़ गए हैं। इसकी तुलना में चैक से ट्रांजैक्शन ज्यादा वक्त भी लेता है और इसमें लागत भी ज्यादा आती है। यही वजह है कि चैक पेमैंट कम होती जा रही है। सबसे ज्यादा लोन की किस्त चुकाने के लिए चैक का इस्तेमाल होता था लेकिन अब इलैक्ट्रॉनिक क्लीयरैंस सर्विस (ई.सी.एस.) और नैशनल ऑटोमेटेड क्लीयरिंग हाऊस (एन.ए.सी.एच.) की वजह से यह घट रहा है। हालांकि चैक पूरी तरह खत्म नहीं होने जा रहे हैं। 30 मई को अपनी एक स्पीच में आर.बी.आई. के डिप्टी गवर्नर बी.पी. कानूनगो ने कहा था कि भारत में अब भी हर महीने 9 करोड़ चैक की प्रोसैसिंग होती है।

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