Edited By Pardeep,Updated: 08 Dec, 2018 01:04 AM
घाटे से बेहाल देश की प्रमुख एयरलाइन कम्पनी जेट एयरवेज जल्द ही बिक जाएगी। अबू धाबी की प्रमुख एयरलाइन कंपनी एतिहाद एयरवेज, जो दूसरी सबसे बड़ी शेयर होल्डर है, ने बैंकों से बातचीत शुरू कर दी है। एतिहाद के अधिकारियों ने भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) के...
नई दिल्ली/जालंधर: घाटे से बेहाल देश की प्रमुख एयरलाइन कम्पनी जेट एयरवेज जल्द ही बिक जाएगी। अबू धाबी की प्रमुख एयरलाइन कंपनी एतिहाद एयरवेज, जो दूसरी सबसे बड़ी शेयर होल्डर है, ने बैंकों से बातचीत शुरू कर दी है।
एतिहाद के अधिकारियों ने भारतीय स्टेट बैंक (एस.बी.आई.) के अधिकारियों से इस संबंध में बातचीत भी शुरू कर दी है। एतिहाद जेट एयरवेज में अपनी 24 प्रतिशत हिस्सेदारी को बढ़ाकर 49 प्रतिशत तक ले जाना चाहती है। जेट एयरवेज पर फिलहाल 400 मिलियन डॉलर की देनदारी है। यह पैसा उसे बाजार में चुकाना है। हालांकि एतिहाद को भी वित्त वर्ष 2017 में 1.52 बिलियन डॉलर का नुक्सान हुआ था। इससे कंपनी अपनी हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए ज्यादा पैसा खर्च नहीं करेगी।
विमान उद्योग कर रहा चुनौतियों का सामना
कर्मचारियों को भेजे गए ई-मेल में मुख्य लोक अधिकारी राहुल तनेजा ने कहा, ‘‘विमानन उद्योग लगातार चुनौतियों का सामना कर रहा है जिसका असर पूरे क्षेत्र पर पड़ रहा है और जेट एयरवेज इसमें कोई अपवाद नहीं है। इस मुश्किल की घड़ी में हम आप सभी का आभार व्यक्त करते हैं और धन्यवाद करते हैं कि आप हमेशा कम्पनी के साथ खड़े रहें, अपना समर्थन देते रहें और हमें समझें।’’
1 अप्रैल तक होगा बकाया भुगतान
जेट एयरवेज को रविवार को मजबूरी में अपनी 14 उड़ानें रद्द करनी पड़ी थीं क्योंकि उसके पायलट बीमारी का बहाना बनाकर काम पर नहीं आए थे। पैसों की तंगी से जूझ रही जेट एयरवेज ने अपने कर्मचारियों से वायदा किया है कि वह 1 अप्रैल 2019 तक कर्मचारियों की बकाया राशि का भुगतान कर देगी। एयरलाइन ने अपने पायलटों को भेजे गए मैसेज में उनसे अनुरोध किया है कि वे बाहरी ताकतों के खिलाफ एकजुट होकर उसके साथ खड़े रहें। हालांकि एयरलाइन ने बयान जारी कर कहा था कि उड़ानों को अप्रत्याशित परिचालन परिस्थिति और पायलटों के असहयोग की वजह से रद्द किया गया था। पायलटों को भेजे संदेश में जेट एयरवेज ने अपनी परेशानियों के लिए विमानन व्यवसाय की स्थिति को दोषी ठहराया है।