वित्त मंत्री ने किया सरकारी बैंकों के विलय का ऐलान, PNB बनेगा देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक

Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Aug, 2019 06:29 PM

finance minister s big announcement united bank and obc to merge in pnb

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बैंकों को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब नैशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक और ऑरियंटल बैंक का मर्जर होगा। इस विलय के बाद पीएनबी देश का दूसरा बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा। इसके अलावा निर्मला सीतारमण ने...

बिजनेस डेस्कः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैंकों को लेकर एक बड़ा ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने कहा कि पंजाब नैशनल बैंक में यूनाइटेड बैंक ऑफ कॉमर्स और ऑरियंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय होगा। इस विलय के बाद पीएनबी देश का दूसरा बड़ा सरकारी बैंक बन जाएगा। इसके अलावा इंडियन बैंक का मर्जर इलाहाबाद बैंक के साथ होगा और केनरा बैंक का मर्जर सिंडीकेट बैंक साथ होगा। 18 में से छह सरकारी बैंकों का विलय कर दिया गया है। अब विलय के बाद केवल 12 सरकारी बैंक बचेंगे। वहीं देश में पहले 10 बड़े सरकारी बैंक थे, जिनकी शाखाएं विदेशों में भी थी। अब ऐसे बैंकों की संख्या घटकर चार रह जाएगी। आपको बता दें कि दो साल में सरकारी बैंकों की संख्या 27 से घटकर 12 पर आ गई है। वर्ष 2017 में देश में 27 सरकारी बैंक थे। वित्त मंत्री ने आश्वस्त किया कि विलय के बावजूद बैंक कर्मचारियों की छंटनी नहीं की जाएगी। 

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मोदी सरकार ने पिछले कार्यकाल में भी किया था बैंकों का विलय 
इससे पहले, नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने पिछले कार्यकाल में भी बैंकों का विलय किया था। सबसे पहले स्टेट बैंक में उसके 5 सहयोगी बैंकों- स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एंड जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ पटियाला के अलावा महिला बैंक का विलय किया गया। 1 अप्रैल 2017 से स्टेट बैंक में सहयोगी बैंकों का विलय प्रभावी हो गया। इसके अलावा, इसी साल 1 अप्रैल को बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय हुआ था। 

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बैंकों से कहा गया है कि बैंक शाखाओं में पर्याप्त संख्या में अधिकारी और कर्मचारी उपलब्ध हो ताकि ग्राहकों को रकम जमा-निकासी, लोन लेने या दूसरे बैंकिंग सुविधा लेने में किसी तरह की दिक्कत या फिर परेशान नहीं होनी चाहिए। राष्ट्रीय बैंकों के बोर्ड समिति बैंकों के जीएम और उसके ऊपर के अधिकारी का परफॉर्मेंस देखेंगे।

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  • पंजाब नेशनल बैंक में ओबीसी बैंक और यूनाइटेड बैंक में विलय होगा। इसके साथ ही पंजाब नेशनल बैंक देश का दूसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। कुल 1794526 करोड़ रुपए का बिज़नेस होगा। कासा (करंट अकाउंट सेविंग अकाउंट) अनुपात 40 फीसदी होगा।
  • केनरा बैंक के साथ सिंडिकेट बैंक में विलय होगा- ये देश का चौथा सबसे बड़ा सरकारी बैंक होगा। विलय के बाद केनरा बैंक का बिज़नेस 1520295 करोड़ रुपए का हो जाएगा।
  • यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ आंध्रा बैंक और कारपोरेशन बैंक का विलय होगा- ये देश का 5वां सबसे बड़ा बैंक होगा। बिजनेस बढ़कर 14.59 लाख करोड़ का हो जाएगा।
  • इंडियन बैंक के साथ इलाहाबाद बैंक विलय होगा- ये 7वां सबसे बड़ा बैंक होगा। इसका बिजनेस बढ़कर 8.08 लाख करोड़ रुपए का होगा।

बैंकों को मिलेगी 55,250 करोड़ रुपए की पूंजी 
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शुक्रवार को क्रेडिट ग्रोथ तथा विनियामकीय अनुपालन के लिए बैंकों को 55,250 करोड़ रुपए की पूंजी डालने की भी घोषणा की है, जिसके तहत पंजाब नैशनल बैंक को 16,000 करोड़ रुपए, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया को 11,700 करोड़ रुपए, बैंक ऑफ बड़ौदा को 7,000 करोड़ रुपए, केनरा बैंक को 6,500 करोड़ रुपए, इंडियन बैंक को 2,500 करोड़ रुपए देने की घोषणा की है। इसके अलावा, इंडियन ओवरसीज बैंक को 3,800 करोड़ रुपए, सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया को 3,300 करोड़ रुपए, यूको बैंक को 2,100 करोड़ रुपए, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया को 1,600 करोड़ रुपए तथा पंजाब ऐंड सिंध बैंक को 750 करोड़ रुपए की पूंजी मिलेगी। 

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जानिए क्या होगा आप पर असर
वहीं इस विलय के बाद ग्राहकों को नया अकाउंट नंबर और कस्टमर आईडी मिल सकता है। साथ ही जिन ग्राहकों को नए अकाउंट नंबर या IFSC कोड जारी होंगे, उन्हें इनकी जानकारी इनकम टैक्स डिपार्टमेंट, इंश्योरंस कंपनियों, म्यूचुअल फंड, नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) और दूसरी सरकारी योजनाओं में अपडेट करानी होंगी। वहीं जिन ग्राहकों की SIP या लोन ईएमआई चल रही है, उन्हें नया इंस्ट्रक्शन फॉर्म भरना पड़ सकता है।

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सरकारी बैंकों पर लग रहे हैं ताला
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैकं ऑफ इंडिया ने 1 साल के भीतर में 420 शाखाओं को बंद कर दिया तो वहीं 768 एटीएम बंद कर किए। लगातार घाटे में चल रहे बैंकों ने खर्च में कटौती करने के लिए बैंक के ब्रांचों को कम कर रहे हैं। खासकर बड़े शहरों में बैंक अपने खर्च को कम करने के लिए ऐसा कर रहे हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि शहरी खाताधारकों की बैंक के ब्रांचों पर निर्भरता कम होती जा रही है। शहरी खाताधारक डिजिटल बैंकिंग की ओर बढ़ रहे हैं। ऐसे में बैंक खर्च में कटौती करने के लिए ब्रांचों को कम कर रहा है। सरकारी बैंकों का ऐसा मानना है कि ब्रांच और ATM जैसे फिजिकल इंफ्रास्ट्रक्चर को कम किया जा सकता है।

क्यों बंद हो रहे हैं सरकारी बैंक
दरअसल लगातार घाटे में चल रहे हैं सरकारी बैंक बैलेंस शीट में एक्सपेंडिचर को कम करने के लिए NPA को कम करने की योजना बना रहे हैं। खासकर शहरों में स्थिति ब्रांचों को बंद किया जा रहा है, क्योंकि शहरी खाताधारक बैंकिंग संबंधी कामों के लिए डिजिटल बैंकिंग सेवा को अपना रहे हैं। बैंकों की ब्रांच और एटीएम की कटौती का असर ग्रामीण बैंकों पर नहीं पड़ा है। आंकड़ों पर नवजर डाले तो देश की 10 शीर्ष सरकारी बैंकों ने पिछले 1 साल में देशभर में 5500 एटीएम बंद किए हैं। वहीं 600 शाखाओं को बंद कर दिया गया है। जहां एसबीआई ने 420 ब्रांच और 768 ATM बंद किए तो वहीं बैंक ऑफ बड़ौदा ने करीब 40 ब्रांच और 274 एटीएम बंद किए हैं। वहीं पंजाब नेशनल बैंक, इलाहाबाद बैंक, यूको बैंक समेत कई सरकारी बैंकों ने अपनी शाखाएं और एटीएम कम किए हैं। 
 

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