बजट पर चर्चा: वित्त मंत्री से इनकम टैक्स छूट सीमा, मिनिमम वेज और पेंशन बढ़ाने का आग्रह

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Dec, 2019 11:47 AM

finance minister urged to increase income tax exemption limit

देश के प्रमुख मजदूर संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में मिनिमम वेज लिमिट को बढ़ाकर 21,000 रुपए करने, कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन 6,000 रुपए करने और 10 लाख रुपए तक की सालाना

नई दिल्लीः देश के प्रमुख मजदूर संगठनों ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के साथ बजट पूर्व बैठक में मिनिमम वेज लिमिट को बढ़ाकर 21,000 रुपए करने, कर्मचारी पेंशन योजना के तहत न्यूनतम पेंशन 6,000 रुपए करने और 10 लाख रुपए तक की सालाना इनकम को टैक्स मुकत किए जाने का आग्रह किया।

कर्मचारी संगठनों ने बैठक के दौरान देश में बढ़ती बेरोजगारी को लेकर भी चिंता जताई। उन्होंने कहा कि हाल के वर्षों में रोजगार सृजन में भारी गिरावट आई है। ढांचागत क्षेत्र की परियोजनाओं, सामाजिक क्षेत्रों और कृषि क्षेत्र में बड़े पैमाने पर निवेश किया जाना चाहिए और केंद्रीय बजट में इन क्षेत्रों में खर्च को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इससे रोजगार के अवसर बढ़ाने में भी मदद मिलेगी।

वित्त मंत्री से मांग की गई कि विभिन्न सरकारी विभागों, रेलवे, सार्वजनिक उपक्रमों और स्वायत्तशासी निकायों में सभी रिक्त पदों को नई नियुक्तियों के जरिए भरा जाना चाहिए। संगठनों ने वित्त मंत्री से यह भी मांग की कि नए पदों के सृजन पर लगी रोक और सरकारी पदों में अनिवार्य रूप से कटौती जैसे आदेशों को हटा लिया जाना चाहिए।

मजदूर संगठनों के प्रतिनिधियों ने कहा कि बीएसएनएल, एमटीएनएल, आईटीआई सहित सार्वजनिक क्षेत्र के कई उपक्रमों को इसी क्षेत्र की दूसरी कंपनियों की तरह समान अवसर नहीं दिए जाने की वजह से हजारों लोगों की नौकरी संकट में पड़ गई। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल- एमटीएनएल का विलय और इन उपक्रमों में कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दिया जाना वास्तव में जबर्दस्ती नौकरी से हटाए जाने के समान है और यह कदम रोजगार सृजन के उलट है।

इन संगठनों ने मूल्य वृद्धि के खिलाफ भी अपना विरोध व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि सरकार को आवश्यक उपभोक्ता वस्तुओं के वायदा कारोबार पर तुरंत प्रभाव से रोक लगानी चाहिए और जमाखोरी रोकने के लिए कदम उठाने चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत बनाने पर भी जोर दिया।

संगठनों ने कहा कि सरकार को सार्वजनिक उपक्रमों की सीधी बिक्री से दूर रहना चाहिए और इस्पात, कोयला, खनन, भारी इंजीनियरिंग, औषधि, नागरिक उड्डयन, वित्तीय संस्थानों सहित तमाम मजबूत उपक्रमों की रणनीतिक बिक्री से पीछे रहना चाहिए। उन्होंने अहम क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति दिए जाने पर भी अपना विरोध जताया। उन्होंने कहा कि रेलवे, रक्षा उत्पादन, वित्तीय क्षेत्र और खुदरा व्यापार जैसे क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।

मजदूर संगठन के प्रतिनिधियों ने ईपीएफओ के तहत कवर किए जाने वाले प्रतिष्ठानों में मौजूदा 20 कर्मचारियों के बजाय 10 कर्मचारियों वाले प्रतिष्ठानों को ईपीएफओ में लाने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने ग्रैच्युटी के लिए कर्मचारी द्वारा की गई सेवा के प्रत्येक साल के लिए 15 दिन के वेतन के बजाय 30 दिन के वेतन के आधार पर गणना करने की मांग की। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार को आधार जोड़ने को अनिवार्य नहीं बनाना चाहिए।

उन्होंने वेतनभोगी तबके और पेंशनभोगियों के लिए आयकर छूट सीमा को 10 लाख रुपए सालाना तक बढ़ाने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि वरिष्ठ नागरिकों के लिए आयकर सीमा को बढ़ाकर 8 लाख रुपए किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि आवास, चिकित्सा और शिक्षा सुविधाओं जेसे सभी तरह के वेतनेत्तर लाभों और दूसरे भत्तों को पूरी तरह से आयकर से छूट मिलनी चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के अलावा इस मौके पर वित्त राज्यमंत्री अनुराग सिंह ठाकुर, राजीव कुमार और श्रम एवं वित्त मंत्रालय के कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
 

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!