पहली बार जेटली ने माना- RBI से सेक्शन-7 पर हुई थी बात

Edited By jyoti choudhary,Updated: 30 Nov, 2018 07:14 PM

fm arun jaitley admits section 7 of rbi act was invoked

वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में कोई भी गठबंधन न तो सरकार बनाने को लेकर इच्छुक था और न ही किसी ने प्रयास किया, ऐसे में राज्यपाल के पास विधानसभा भंग करने का अधिकार था जिसका इस्तेमाल उन्होंने किया।

नई दिल्लीः वित्त मंत्री अरुण जेटली का कहना है कि जम्मू-कश्मीर में कोई भी गठबंधन न तो सरकार बनाने को लेकर इच्छुक था और न ही किसी ने प्रयास किया, ऐसे में राज्यपाल के पास विधानसभा भंग करने का अधिकार था जिसका इस्तेमाल उन्होंने किया। जेटली ने कहा कि पीडीपी और एनसी राज्य में साझा सरकार बनाने को लेकर प्रयासरत नहीं थी और न ही इन दोनों दलों ने सरकार गठन के लिए कोई प्रयास किया था। राज्यपाल का कहना है कि उनके पास सबूत हैं कि सरकार गठन को लेकर खरीद-फरोख्त हो सकती है जिस कारण विधानसभा भंग कर दिया गया।

कश्मीर में आतंकियों के सुरक्षा बलों से निपटने को लेकर उन्होंने कहा कि राज्यपाल शासन में बिना किसी राजनीतिक हस्तक्षेप के ही सुरक्षा बल आंतकियों से निपट रहे हैं।

सेक्शन 7 पर पहली बार बोले जेटली
आरबीआई के सेक्शन 7 के मामले में पहली बार वित्त मंत्री जेटली ने स्वीकार किया कि इस संबंध में सरकार की आरबीआई के साथ बातचीत हुई थी। उन्होंने कहा कि कुछ जगहों पर लिक्विडीटी और क्रेडिट को लेकर विवाद था। सरकार के पास सेक्शन-7 का इस्तेमाल करने का अधिकार है जिसका शायद ही कभी प्रयोग नहीं किया गया।

भारतीय रिजर्व बैंक एक्ट का सेक्शन 7 सरकार को एक खास पावर देता है। आरबीआई एक्ट के मुताबिक इस सेक्शन के तहत सरकार गवर्नर को निर्देश दे सकती है। उनके साथ विचार-विमर्श कर सकती है। ऐसा सरकार उन मामलों में कर सकती है, जो उसे गंभीर और आम जनता के हक की खातिर उठाना जरूरी लगता है। मीडिया रिपोर्ट्स अगर सही हुईं, तो स्वतंत्र भारत में यह पहली बार होगा, जब इस सेक्शन को लागू किया गया हो। उन्होंने कहा कि सरकार ने कभी भी लाल रेखा पार नहीं की है और सरकार इसमें विश्वास नहीं करती है।
 

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