कीमतें बढ़ने से अप्रैल के पहले पखवाड़े में घट गई ईंधन की बिक्री

Edited By jyoti choudhary,Updated: 16 Apr, 2022 05:41 PM

fuel sales decreased in the first fortnight of april due to increase in prices

ईंधन की कीमतों में बीते 16 दिनों में रिकॉर्ड वृद्धि होने से इसकी मांग घट गई और इसका नतीजा यह हुआ कि अप्रैल के पहले पखवाड़े में देश में ईंधन की बिक्री घट गई। पेट्रोलियम उद्योग के आरंभिक आंकड़ों में शनिवार को यह तथ्य सामने आया। मार्च के पहले पखवाड़े...

नई दिल्लीः ईंधन की कीमतों में बीते 16 दिनों में रिकॉर्ड वृद्धि होने से इसकी मांग घट गई और इसका नतीजा यह हुआ कि अप्रैल के पहले पखवाड़े में देश में ईंधन की बिक्री घट गई। पेट्रोलियम उद्योग के आरंभिक आंकड़ों में शनिवार को यह तथ्य सामने आया। मार्च के पहले पखवाड़े की तुलना में अप्रैल के पहले 15 दिनों में पेट्रोल की बिक्री करीब 10 फीसदी कम रही और डीजल की मांग भी 15.6 फीसदी घट गई। इसी तरह एक से 15 अप्रैल के बीच घरेलू रसोई गैस एलपीजी की खपत में भी मासिक आधार पर 1.7 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई है। 

सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतें करीब साढ़े चार महीने तक स्थिर रखने के बाद 22 मार्च को पहली बार बढ़ाई थीं। उसके बाद छह अप्रैल तक के 16 दिनों के भीतर पेट्रोल और डीजल की कीमतों में कुल 10-10 रुपए प्रति लीटर की बढ़ोतरी कर दी गई। घरेलू रसाई गैस की कीमत में भी 22 मार्च को 50 रुपए प्रति सिलेंडर की वृद्धि की गई थी जिसके बाद दिल्ली में गैर-सब्सिडी वाले 14.2 किलोग्राम के एलपीजी सिलेंडर के दाम 949.50 रुपए हो गए थे। 

विमानों में ईंधन के तौर पर इस्तेमाल होने वाले एटीएफ के भाव भी नई मूल्य वृद्धि के बाद 1,13,202.33 रुपए प्रति किलोलीटर हो गए हैं और इसकी बिक्री में मासिक आधार पर 20.5 फीसदी की गिरावट आई है। पेट्रोलियम उद्योग के आरंभिक आंकड़ों के मुताबिक, सार्वजनिक क्षेत्र की तेल कंपनियों ने एक से 15 अप्रैल के बीच 11.20 लाख टन पेट्रोल बेचा जो पिछले वर्ष की समान अवधि के मुकाबले करीब 12.1 फीसदी अधिक और 2019 की समान अवधि की तुलना में 19.6 फीसदी अधिक है। 

हालांकि पेट्रोल की खपत मार्च 2022 की समान अवधि के मुकाबले 9.7 फीसदी कम है। मार्च के पहले पखवाड़े में तेल कंपनियों ने कुल 12.4 लाख टन पेट्रोल की बिक्री की थी। देश में सबसे ज्यादा उपयोग में लाए जाने वाले ईंधन डीजल की बिक्री सालाना आधार पर 7.4 फीसदी बढ़कर करीब 30 लाख टन हो गई। यह मार्च 2019 की बिक्री के मुकाबले 4.8 फीसदी अधिक लेकिन इस साल एक मार्च से 15 मार्च के बीच हुई 35.3 लाख टन की बिक्री की तुलना में 15.6 फीसदी कम है। मार्च के पहले पखवाड़े में पेट्रोल और डीजल की बिक्री क्रमश: 18 फीसदी और 23.7 फीसदी बढ़ गई थी। मार्च में डीजल की बिक्री बीते दो साल में किसी महीने में हुई सर्वाधिक बिक्री थी। 

उद्योग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि मार्च के पहले पखवाड़े में, कीमतें बढ़ने का अनुमान लगाते हुए लोगों ने अपनी गाड़ियों के टैंक भरवा लिए। इसी तरह पेट्रोल पंप डीलरों ने भी अपने स्टोरेज टैंक के साथ मोबाइल ब्राउजर या टैंकर ट्रक भी भरवा लिए। ऐसे में कीमतों के बढ़ते ही पेट्रोल एवं डीजल की खपत में गिरावट आ गई। 
 

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!