अनलिस्टेड कंपनियों के निवेशकों को सरकार ने दी बड़ी राहत

Edited By Punjab Kesari,Updated: 15 Mar, 2018 09:47 AM

government gives great relief to unlisted companies

अनलिस्टेड कंपनियों में निवेश करने वालों को सरकार ने राहत दी है। सरकार ने फाइनांस बिल में संशोधन करते हुए प्रावधान किया है कि ऐसी कंपनियों के शेयर बेचने वालों पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा। यह लाभ उन्हीं कंपनियों के शेयर्स की बिक्री पर मिलेगा जो...

नई दिल्लीः अनलिस्टेड कंपनियों में निवेश करने वालों को सरकार ने राहत दी है। सरकार ने फाइनांस बिल में संशोधन करते हुए प्रावधान किया है कि ऐसी कंपनियों के शेयर बेचने वालों पर 20 प्रतिशत की दर से टैक्स लगेगा। यह लाभ उन्हीं कंपनियों के शेयर्स की बिक्री पर मिलेगा जो 31 जनवरी के बाद लिस्टेड हुई होंगी। बजट में एल.टी.सी.जी. टैक्स लगने के बाद ऐसे निवेशक भ्रम की स्थिति में थे।

नहीं मिलेगा इंडैक्शन बैनेफिट का लाभ
इंडैक्शन बैनेफिट उसे कहते हैं जिसमें कॉस्ट ऑफ एक्विजेशन पर महंगाई के आधार पर राहत दी जाती है लेकिन लोकसभा में पास इस फाइनांस बिल में साफ  है कि यह लाभ नहीं मिलेगा। वर्ष 2018-19 के बजट में 14 साल के बाद 10 प्रतिशत की दर से लांग टर्म कैपिट्ल गेन टैक्स (एल.टी.सी.जी.) लगाया गया है। यह टैक्स प्रति वर्ष 1 लाख से ज्यादा का एल.टी.सी.जी. होने पर ही देना होगा।

अभी क्या हैं टैक्स की दरें
अभी एक साल के बाद होने वाले कैपिटल गेन पर किसी भी प्रकार का टैक्स लागू नहीं है, जबकि एक साल के अंदर यानी शार्ट टर्म कैपिटल गेन पर 15 प्रतिशत की दर से टैक्स लगता है। यह टैक्स अनलिस्टेड कंपनियों के शेयर एक साल के बाद बेचने पर 20 प्रतिशत और एक साल के अंदर बेचने पर 30 प्रतिशत लगता है।

फाइनांस मिनिस्ट्री को मिले थे कई मांग पत्र
फाइनांस मिनिस्ट्री को एल.टी.सी.जी. को लेकर कई मंग पत्र मिले थे। नागिया एंड कंपनी के मैनेजिंग पार्टनर राकेश नागिया के अनुसार फाइनांस बिल में संशोधन से कुछ दिक्कतें आसान होंगी। एक फरवरी 2018 के बाद से अनलिस्टेड कंपनियों में हिस्सेदारी बेचने वालों को इससे राहत मिलेगी। 

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