Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Oct, 2025 11:58 AM

सरकार ने रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं जैसे शैम्पू, टूथपेस्ट, मक्खन और दाल की कीमतों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हाल ही में लागू हुई जीएसटी कटौती (22 सितंबर से) का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे।
बिजनेस डेस्कः सरकार ने रोजमर्रा के इस्तेमाल की वस्तुओं जैसे शैम्पू, टूथपेस्ट, मक्खन और दाल की कीमतों पर कड़ी निगरानी शुरू कर दी है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हाल ही में लागू हुई जीएसटी कटौती (22 सितंबर से) का लाभ सीधे उपभोक्ताओं तक पहुंचे।
क्या है मामला?
जीएसटी कटौती के बाद करीब 99% रोजमर्रा की वस्तुओं की कीमतें कम होनी थीं। हालांकि शिकायतें आई कि कुछ ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म्स उपभोक्ताओं तक पूरा लाभ नहीं पहुंचा रहे हैं। सरकार ने अनौपचारिक रूप से कई ई-कॉमर्स ऑपरेटरों को चेतावनी दी है और 54 आम वस्तुओं (ब्रांड-वार MRP) की मासिक कीमत रिपोर्ट देने का आदेश दिया है। सूची में शैम्पू, टूथपेस्ट, मक्खन, टोमैटो केचप, आइसक्रीम, टीवी, एसी, सीमेंट, डायग्नोस्टिक किट, थर्मामीटर, क्रेयॉन आदि शामिल हैं।
कंपनियों का रुख
कुछ ई-कॉमर्स कंपनियों ने कीमतों में विसंगति को “तकनीकी गड़बड़ी” बताया, जबकि अन्य ने दावा किया कि वे उपभोक्ताओं को कटौती का लाभ पहुंचा रही हैं।
निगरानी का असर
सरकार की सख्त निगरानी से न केवल उपभोक्ताओं को फायदा होगा, बल्कि ई-कॉमर्स कंपनियों के मुनाफे और निवेशकों पर भी असर पड़ सकता है। कीमतों में कटौती और बढ़ती निगरानी के कारण कंपनियों के लाभ मार्जिन कम हो सकते हैं, जिससे शेयरों में अल्पकालिक उतार-चढ़ाव देखने को मिल सकता है।