सरकार ने मसूर दाल पर आयात शुल्क घटाया, कटौती अक्टूबर-अंत तक लागू रहेगी

Edited By rajesh kumar,Updated: 18 Sep, 2020 06:31 PM

government reduced import duty lentils deduction applicable till october

सरकार ने घरेलू बाजार में दलहन की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से मसूर दाल के आयात शुल्क में 20 प्रतिशत कटौती की है। यह कटौती अक्टूबर-अंत तक लागू रहेगी।

नई दिल्ली: सरकार ने घरेलू बाजार में दलहन की उपलब्धता बढ़ाने के उद्देश्य से मसूर दाल के आयात शुल्क में 20 प्रतिशत कटौती की है। यह कटौती अक्टूबर-अंत तक लागू रहेगी। केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) की एक अधिसूचना में जून 2017 की अधिसूचना में संशोधन किया गया है। इसके मुताबिक ‘18 सितंबर, 2020 से 31 अक्टूबर, 2020 तक की अवधि के लिए मसूर दाल पर मूल सीमा शुल्क को कम किया गया है।’

अमेरिका के अलावा अन्य देशों से मसूर दाल पर आयात शुल्क 30 प्रतिशत से घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया है। अमेरिका से मसूर के आयात मामले में, शुल्क को पहले के 50 प्रतिशत से घटाकर 30 प्रतिशत कर दिया गया है। सरकार ने इससे पहले जून में भी अमेरिका के अलावा अन्य किसी भी देश से आने वाली आयात की खेप के लिए आयात शुल्क को घटाकर 10 प्रतिशत कर दिया गया था। अमेरिका के मामले में, सीमा शुल्क 50 प्रतिशत से 30 प्रतिशत तक लाया गया था।

सीमा शुल्क की घटी दर 2 जून से 31 अगस्त, 2020 तक की अवधि के लिए लागू रही जिसके बाद एक सितंबर से सीमा शुल्क वापस पुराने स्तर पर बहाल हो गया। भारत दालों का दुनिया का सबसे बड़ा उपभोक्ता और आयातक देश है। सरकार के अनुमान के अनुसार, फसल वर्ष 2019-20 (जुलाई-जून) के दौरान देश का कुल दलहन उत्पादन 2.31 करोड़ टन रहा था, जो पिछले वर्ष 2.21 करोड़ टन के करीब रहा था।

इसमें से मसूर दाल का उत्पादन घटकर 11.8 लाख टन रह जाने का अनुमान है जो उत्पादन वर्ष 2018-19 में 12.3 लाख टन का हुआ था। भारतीय दलहन और अनाज संघ के उपाध्यक्ष बिमल कोठारी ने सरकार के इस कदम पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार की एक स्थिरता वाली आयात नीति होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि जून में की गई शुल्क कटौती से विदेशी किसानों और व्यापारियों को फायदा हुआ क्योंकि भारत द्वारा आयात शुल्क घटाने के बाद दाल की वैश्विक कीमतें बढ़ गईं।

कोठारी ने कहा कि घरेलू मांग को पूरा करने के लिए देश ने पिछले वित्त वर्ष में लगभग 25 लाख टन दालों का आयात किया और उसमें से 8.5 लाख टन मसूर दाल थी। उन्होंने चालू वित्तवर्ष में मसूर दाल के आयात के बढ़कर 10 लाख टन होने का अनुमान लगाया है, हालांकि समग्र आवक घटकर 20 लाख टन रह सकती है।

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