Edited By Supreet Kaur,Updated: 27 Aug, 2019 02:32 PM
केंद्र सरकार ने सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को 51 फीसदी से कम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ओएनजीसी, आईओसी, गेल और एनटीपीसी जैसी कई कंपनियों से अब जल्द ही पीएसयू का टैग छिन सकता है। इन कंपनियों में सरकार की हि...
नई दिल्लीः केंद्र सरकार ने सरकारी कंपनियों में अपनी हिस्सेदारी को 51 फीसदी से कम करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। ओएनजीसी, आईओसी, गेल और एनटीपीसी जैसी कई कंपनियों से अब जल्द ही पीएसयू का टैग छिन सकता है। इन कंपनियों में सरकार की हिस्सेदारी 51 फीसदी से कम होने की स्थिति में उनसे पीएसयू का टैग छिन जाएगा। इसके लिए सरकार ने लगभग एक दर्जन कंपनियों की पहचान भी की है। निवेशक और सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (DIPAM) इसके फायदे और नुकसान पर चर्चा करने के लिए एक पत्र और योजना को पूरा करने के लिए एक रणनीति तैयार कर रहा है।
प्रारंभिक सूची में लगभग दर्जन कंपनियों की पहचान की गई है। सूची में वो कंपनियां शामिल हैं, जिनमें सरकार की हिस्सेदारी 50 फीसदी से 60 फीसदी तक है। इस संदर्भ में सरकारी सूत्रों का कहना है कि प्रबंधन विभाग मंत्रालयों के साथ विचार-विमर्श करेगा। कंपनियों में हिस्सेदारी से जुड़े मुद्दों का समाधान करने की भी कोशिश की जाएगी। विनिवेश के लिए आईओसी, एनटीपीसी, पावर ग्रिड, ऑयल इंडिया, गेल, नाल्को, बीपीसीएल और ईआईएल जैसी कंपनियों को शामिल किया जा सकता है। हालांकि इसके लिए अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। विचार-विमर्श के बाद ही इस संदर्भ में कैबिनेट नोट लाया जाएगा।