Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Feb, 2020 06:20 PM
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि सरकारी योजनाओं व नीतियों के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में स्वैच्छिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व सिविल सोसायटी द्वारा दिए गए सुझावों फीडबैक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार का...
जयपुरः मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शनिवार को कहा कि सरकारी योजनाओं व नीतियों के जमीनी स्तर पर क्रियान्वयन में स्वैच्छिक संगठनों, सामाजिक कार्यकर्ताओं व सिविल सोसायटी द्वारा दिए गए सुझावों फीडबैक की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार का प्रयास है कि जनकल्याणकारी बजट तैयार करने में विभिन्न सामाजिक संगठनों के महत्वपूर्ण सुझाव शामिल किए जाएं ताकि हर वर्ग तक बजट का लाभ वास्तविक रूप में पहुंच सके।
गहलोत शनिवार को सचिवालय के कान्फ्रेंस हाॅल में स्वैच्छिक संगठनों, सिविल सोसायटी व उपभोक्ता मंच के साथ बजट पूर्व संवाद के दौरान सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि स्वैच्छिक संगठनों एवं सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ हुई चर्चा के दौरान कई महत्वपूर्ण सुझाव आए हैं जिन्हें बजट में शामिल करने के हरसंभव प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार ने हमेशा जनहित से जुड़े मुद्दों पर स्वैच्छिक संगठनों एवं फील्ड में काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं के सुझावों को तवज्जो दी है।
एनजीओ के सुझावों के आधार पर केन्द्र व राज्य सरकारों ने समय-समय पर जनहित में कई फैसले लिए हैं। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार, खाद्य सुरक्षा कानून, शिक्षा का अधिकार जैसे कानूनों को तैयार करने में स्वैच्छिक संगठनों द्वारा दिए गए सुझावों की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। गहलोत ने कहा कि देश के वर्तमान हालात व विभिन्न वर्गाें के बीच वैमनस्य फैलाने की दिशा में चल रहे कुत्सित प्रयासों को देखते हुए समाज में समरसता कायम करने के लिए एनजीओ एवं सामाजिक कार्यकर्ताओं की भूमिका अहम है।
बैठक में ऊर्जा मंत्री डा. बीडी कल्ला, उद्योग मंत्री परसादी लाल मीणा, चिकित्सा मंत्री डा. रघु शर्मा, कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, सहकारिता मंत्री उदयलाल आंजना, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा, परिवहन मंत्री प्रतापसिंह खाचरियावास, शिक्षा राज्य मंत्री गोविन्द सिंह डोटासरा भी मौजूद थे।