Edited By Supreet Kaur,Updated: 07 Aug, 2018 04:53 PM
सरकार ने आज लोकसभा में फाइनैंशियल रिजॉल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (एफडीआरआई) बिल 2017 को वापस ले लिया। सदन में वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने उक्त बिल को वापस लेने का प्रस्ताव किया। इसमें विफल बैंकों के संबंध में समाधान के मार्ग के तहत...
बिजनेस डेस्कः सरकार ने आज लोकसभा में फाइनैंशियल रिजॉल्यूशन एंड डिपॉजिट इंश्योरेंस बिल (एफडीआरआई) बिल 2017 को वापस ले लिया। सदन में वित्त राज्य मंत्री पी राधाकृष्णन ने उक्त बिल को वापस लेने का प्रस्ताव किया। इसमें विफल बैंकों के संबंध में समाधान के मार्ग के तहत राहत तथा बैंक जमा पर बीमा कवर के प्रस्ताव को लेकर चिंताएं व्यक्त की जा रही थीं।
बिल पर हो रहा था विवाद
वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने संयुक्त संसदीय समिति को बताया कि सरकार ने बिल में मौजूद ''बेल इन'' के प्रावधान को लेकर जारी चिंता को ध्यान में रखते हुए इसे वापस ले लिया है। इस बिल को 10 अगस्त 2017 को सदन में पेश किया गया था और इसे संसद की संयुक्त समिति को भेजा गया था। पिछले सप्ताह समिति ने संसद में अपनी रिपोर्ट पेश की थी और सरकार के इस बिल को वापस लेने के प्रस्ताव पर सहमति व्यक्त की थी।
जानें बिल के बारे में
इसके तहत करस्थ वित्तीय सेवा प्रदाता के कतिपय प्रवर्गो, वित्तीय सेवाओं के कतिपय प्रवर्गो के उपभोक्ता के निक्षेप बीमा, प्रणालीगत रूप से महत्वपूर्ण वित्तीय संस्था को अभिहित करना तथा विनिर्दिष्ट सेवा प्रदाताओं को उपभोक्ता के संरक्षण के लिए समाधान निगम की स्थापना का प्रावधान किया गया था। इसमें वित्तीय प्रणाली की स्थिरता और आघात सहने की क्षमता को सुनिश्चित करने के लिए लोक निधि के लिए समाधान निकालने का भी प्रावधान किया गया था ।