सरकार सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक के विलय के अन्य प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही

Edited By jyoti choudhary,Updated: 11 Feb, 2019 04:35 PM

govt not looking at any other proposal for psb merger

सरकार फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के किसी अन्य प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही। फिलहाल वह देना बैंक और विजया बैंक का बैंक आफ बड़ौदा (बीओबी) के साथ विलय पूरा होने का इंतजार करेगी।

नई दिल्लीः सरकार फिलहाल सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के विलय के किसी अन्य प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही। फिलहाल वह देना बैंक और विजया बैंक का बैंक आफ बड़ौदा (बीओबी) के साथ विलय पूरा होने का इंतजार करेगी। आधिकारिक सूत्रों ने यह जानकारी दी। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश का तीसरा सबसे बड़ा बैंक सृजित करने के लिए पिछले महीने इन तीनों बैंकों के विलय को मंजूरी दी। 

सूत्रों के अनुसार विलय प्रक्रिया तय कार्यक्रम के अनुसार आगे बढ़ रही है। इन तीनों बैंकों के विलय प्रक्रिया मुकम्मल होने के बाद ही ऐसे अन्य किसी प्रस्ताव पर विचार किया जाएगा। पिछले महीने तीनों बैंकों के निदेशक मंडल ने प्रस्तावित विलय के लिये शेयर अदला-बदली अनुपात को मंजूरी दी। बीओबी द्वारा घोषित विलय योजना के तहत विजया बैंक के शेयरधारकों को 1,000 शेयर के बदले बैंक आफ बड़ौदा के 402 इक्विटी शेयर मिलेंगे। वहीं देना बैंक को 1,000 शेयर के बदले बीओबी के 110 शेयर मिलेंगे। योजना एक अप्रैल से अमल में आएगी।
    
यह पहला मौका है जब देश में तीन बैंकों का विलय हो रहा है। इस विलय के बाद संयुक्त इकाई का कारोबार 14.82 लाख करोड़ रुपए होगा और स्टेट बैंक तथा आईसीआईसीआई बैंक के बाद तीसरा सबसे बड़ा बैंक होगा। इस विलय के बाद सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की संख्या घटकर 18 पर आ जाएगी।     

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