सरकारी पोर्टल पर मिलेगी GST ई-चालान निकालने की सुविधा, नहीं हो पाएगी टैक्स चोरी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Apr, 2019 11:26 AM

gst e invoice withdrawal will not be available on government portal

माल एवं सेवा कर (GST) अधिकारी एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रहे हैं जिसमें एक निश्चित सीमा से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों को सरकारी या जीएसटी पोर्टल पर प्रत्येक बिक्री के लिए ‘ई-चालान’ निकालना होगा।

नई दिल्लीः माल एवं सेवा कर (GST) अधिकारी एक ऐसी प्रणाली पर काम कर रहे हैं जिसमें एक निश्चित सीमा से अधिक कारोबार करने वाली कंपनियों को सरकारी या जीएसटी पोर्टल पर प्रत्येक बिक्री के लिए ‘ई-चालान’ निकालना होगा। इससे कर चोरी की गुंजाइश काफी हद तक कम हो सकेगी। 

ई-चालान पर मिलेगी एक विशिष्ट संख्या 
शुरुआत में एक निश्चित सीमा से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को प्रत्येक इलेक्ट्रॉनिक या ई-चालान पर एक विशिष्ट संख्या मिलेगी। एक अधिकारी ने बताया कि इन नंबर का मिलान बिक्री रिटर्न और चुकाए गए कर के इनवॉइस से किया जा सकेगा। आगे चलकर कंपनियों को बिक्री के पूरे मूल्य पर पूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कर चालान या ई-इनवॉइस निकालना होगा। एक अधिकारी के अनुसार, एक निश्चित सीमा से अधिक के कारोबार वाली इकाइयों को एक सॉफ्टवेयर दिया जाएगा, जो जीएसटी या सरकारी पोर्टल से जुड़ा होगा। इससे ई-चालान निकाला जा सकेगा। सीमा का निर्धारण चालान के मूल्य के आधार पर तय किया जा सकेगा। 

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कारोबार के आधार पर तय होगी ई-चालान की अनिवार्यता
अधिकारी ने बताया कि ई-चालान निकालने की अनिवार्यता पंजीकृत व्यक्ति के कारोबार या चालान मूल्य के आधार पर तय होगी। वैसे विचार यह है कि यह कारोबार की सीमा पर आधारित हो, ताकि वह बिक्री बिलों को अलग अलग बांट नहीं सकें। उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि यदि न्यूनतम मूल्य 1,000 रुपए तय किया जाता है तो इस बात की संभावना रहेगी कि कंपनियां इसे कई बिलों में बांट दें जिससे चालान आधारित सीमा से बचा जा सके। 

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खत्म हो जाएगी ई-वे बिल की आवश्यकता
अधिकारी ने बताया कि नई ई-चालान प्रणाली के लागू होने के बाद माल की आवाजाही के लिए आवश्यक ई-वे बिल की जरूरत नहीं होगी। इसका कारण यह है कि ई-चालान एक केंद्रीयकृत सरकारी पोर्टल के माध्यम से निकाले जाएंगे। अधिकारी ने बताया कि नई ई-चालान व्यवस्था शुरू होने का बाद कारोबारियों को जीएसटी रिटर्न में भी आसानी होगी। आपको बता दें कि फिलहाल 50,000 रुपए से अधिक के माल को ले जाने के लिए ई-वे बिल आवश्यक है। इस समय जीएसटी के तहत 1.21 करोड़ कारोबार रजिस्टर्ड हैं। इसमें से 20 लाख ने कंपोजिशन स्कीम अपना रखी है। 

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