Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Sep, 2025 11:30 AM

हाल में जीएसटी दरों में की गयी कटौती से अगले साल तक मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी और देश की आर्थिक वृद्धि संभावनाओं को भी बल मिलेगा। वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट में हालांकि यह भी चेतावनी दी गई है कि यह...
नई दिल्लीः हाल में जीएसटी दरों में की गयी कटौती से अगले साल तक मुद्रास्फीति को कम करने में मदद मिलेगी और देश की आर्थिक वृद्धि संभावनाओं को भी बल मिलेगा। वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक रिपोर्ट में यह जानकारी दी। रिपोर्ट में हालांकि यह भी चेतावनी दी गई है कि यह समय लापरवाह होने का नहीं है, क्योंकि अनिश्चितताएं और जोखिम अब भी बने हुए हैं। भले ही वर्तमान में ये जोखिम प्रबंधनीय लगते हैं, लेकिन वे मौजूद हैं।
वित्त मंत्रालय ने अपनी मासिक आर्थिक समीक्षा में कहा कि अगर शुल्क को लेकर अनिश्चितताएं बनी रहीं, तो इसका असर देश के निर्यात क्षेत्रों पर पड़ेगा। इससे घरेलू स्तर पर रोजगार, आय और खपत पर भी नकारात्मक असर हो सकता है। मंत्रालय ने कहा कि अमेरिका द्वारा नए एच1बी वीजा आवेदकों पर शुल्क बढ़ाने का निर्णय व्यापारिक अनिश्चितताओं के जोखिमों की याद दिलाता है, जिससे अब तक अप्रभावित सेवाक्षेत्र भी प्रभावित हो रहा है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि केंद्र सरकार के सुधार एजेंडे से व्यापार व्यवधानों के प्रतिकूल प्रभावों से अर्थव्यवस्था को बचाने में मदद मिलने की उम्मीद है। मंत्रालय ने कहा, "अतः निकट भविष्य में स्थिर, सुधार-संचालित वृद्धि की संभावना है, जो व्यापक आर्थिक अनुशासन और अनुकूल आर्थिक कूटनीति पर आधारित है तथा इसमें बाहरी झटकों और वैश्विक बाजार में अस्थिरता के प्रति निरंतर सतर्कता की आवश्यकता है।"