रद्द हुए, तो कोई सरकार 10-15 साल तक इन कानूनों को लाने का साहस नहीं करेगी: नीति आयोग

Edited By jyoti choudhary,Updated: 23 Jan, 2021 06:18 PM

if canceled no government will dare to bring these laws

नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने शुक्रवार को कहा कि अगर नए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाता है, तो कोई भी सरकार अगले 10-15 वर्षों में इन्हें फिर से लाने का साहस नहीं करेगी। उन्होंने केंद्र सरकार और किसानों के बीच कायम गतिरोध को

नई दिल्लीः नीति आयोग के सदस्य रमेश चंद ने शुक्रवार को कहा कि अगर नए कृषि कानूनों को निरस्त किया जाता है, तो कोई भी सरकार अगले 10-15 वर्षों में इन्हें फिर से लाने का साहस नहीं करेगी। उन्होंने केंद्र सरकार और किसानों के बीच कायम गतिरोध को ‘अहम' का टकराव' करार दिया। विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों के हजारों किसान नए कृषि कानूनों को रद्द करने और अपनी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य के लिए सरकार से कानूनी गारंटी देने की मांग के साथ राष्ट्रीय राजधानी की विभिन्न सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं।

सरकार और किसान यूनियनों के बीच 11 दौर की वार्ता का कोई ठोस नतीजा नहीं निकला है। हालांकि, सरकार ने कानूनों को एक से डेढ़ साल तक निलंबित रखने का प्रस्ताव किसानों को दिया है। चंद ने एक मीडिया ब्रीफिंग को संबोधित करते हुए कहा कि कृषि मुद्दा अब ‘बहुत जटिल‘ हो गया है और जहां तक ​​सुधारों की आवश्यकता है, उनका मानना ​​है कि हर कोई आश्वस्त है। उन्होंने कहा, ‘‘मुझे किसी तरह लगता है कि अब यह अहम का प्रश्न बन गया है। हमें किसी तरह इस अहम को छोड़ने और कृषि क्षेत्र के व्यापक हित को देखने की जरूरत है।'' 

चंद ने कहा, ‘‘क्योंकि, अगर इन सुधारों को निरस्त किया जाता है, तो मुझे नहीं पता कि अगले 10-15 वर्षों में, किसी को भी इस प्रकार के सुधारों को लाने की हिम्मत होगी।'' नीति आयोग के सदस्य (कृषि) ने कहा कि यदि ऐसा होता है, तो यह ‘किसानों और कृषि क्षेत्र के लिए बहुत हानिकारक' होगा।  

Related Story

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!