Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 May, 2024 01:16 PM
भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, भारत की अर्थव्यवस्था का लोहा रेटिंग एजेंसियां भी मान रही हैं। डोमेस्टिक रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings and Research) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश की जीडीपी की ग्रोथ रेट के...
मुंबईः भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर है। दरअसल, भारत की अर्थव्यवस्था का लोहा रेटिंग एजेंसियां भी मान रही हैं। डोमेस्टिक रेटिंग एजेंसी इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च (India Ratings and Research) ने वित्त वर्ष 2024-25 के लिए देश की जीडीपी की ग्रोथ रेट के अनुमान को 6.5 फीसदी से बढ़ाकर 7.1 फीसदी कर दिया है। यह अनुमान रिजर्व बैंक (RBI) के 7 फीसदी के अनुमान से थोड़ा ज्यादा है।
डोमेस्टिक रेटिंग एजेंसी ने बयान में कहा कि सरकारी कैपेक्स (Capex) बने रहने, कॉरपोरेट और बैंकिंग सेक्टर के बैलेंस शीट में कर्ज की कमी और आरंभिक प्राइवेट कॉरपोरेट कैपेक्स से मिले मजबूत सपोर्ट ने उसे ग्रोथ अनुमान में संशोधन करने के लिए मजबूर किया है।
क्या है बदलाव करने की वजह
इसके साथ ही रेटिंग एजेंसी ने कहा कि कंजप्शन डिमांड का व्यापक बेस नहीं होना और ग्लोबल लेवल पर सुस्त वृद्धि के कारण निर्यात में आने वाली बाधाएं भारत की जीडीपी वृद्धि को सीमित कर सकती है। एजेंसी ने उम्मीद जताई कि प्राइवेट फाइनल कंजप्शन एक्सपेंडिचर में वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 में बढ़कर 7 फीसदी हो जाएगी, जो वित्त वर्ष 2023-24 में 3 फीसदी थी। यह 3 साल का उच्चतम स्तर होगा।
कमजोर बनी हुई है रूरल कंजप्शन
इस रिपोर्ट में मौजूदा कंजप्शन डिमांड को अत्यधिक विषम बताते हुए कहा गया है कि यह उच्च आय वर्ग से संबंधित परिवारों द्वारा बड़े पैमाने पर कंज्यूम्ड की जाने वाली वस्तुओं और सेवाओं से प्रेरित है जबकि रूरल कंजप्शन कमजोर बनी हुई है।
इंडिया रेटिंग्स ने कहा कि सामान्य से बेहतर मानसून रहने से गेहूं की सरकारी खरीद के चालू वित्त वर्ष में 3.7 करोड़ टन रहने पर कंजप्शन बढ़ सकती है। पिछले वित्त वर्ष में गेहूं की खरीद 2.6 करोड़ टन रही थी।