Edited By jyoti choudhary,Updated: 05 Dec, 2020 04:53 PM
भारत 2021-26 में आठ लाख करोड़ रुपए के मदरबोर्ड का निर्यात करने में समर्थ हो सकता है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। मदर बोर्ड को तकनीकी शब्दावली में प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) कहा जाता है।
नई दिल्लीः भारत 2021-26 में आठ लाख करोड़ रुपए के मदरबोर्ड का निर्यात करने में समर्थ हो सकता है। एक रिपोर्ट में यह कहा गया है। मदर बोर्ड को तकनीकी शब्दावली में प्रिंटेड सर्किट बोर्ड असेंबली (पीसीबीए) कहा जाता है।
मोबाइल डिवाइस उद्योग संगठन इंडिया सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) और ईवाय की संयुक्त रिपोर्ट के अनुसार, भारत के पास 2026 तक आठ लाख करोड़ रुपये का मदरबोर्ड निर्यात करने की क्षमता है। हालांकि रिपोर्ट कहती है कि सरकारी प्रोत्साहन और सब्सिडी के बिना इस दौरान यह निर्यात क्षमता महज 29,500 करोड़ रुपए के आस-पास रह सकती है।
रिपोर्ट के अनुसार, ‘‘यदि पीसीबीए के निर्यात पर चार से छह प्रतिशत का समर्थन दिया जाये तो भारत का कुल पीसीबीए निर्यात करीब 109 अरब डॉलर (आठ लाख करोड़ रुपए से अधिक) पर पहुंच सकता है।''
आईसीईए के चेयरमैन पंकज महेंद्रू ने कहा कि भारत के पीसीबीए उद्योग का मौजूदा आकार करीब दो लाख करोड़ रुपए का है। वर्ष 2021 से 2026 के दौरान इसके बढ़कर 6.4 लाख करोड़ रुपए पर पहुंच जाने का अनुमान है। राष्ट्रीय इलेक्ट्रानिक्स नीति 2019 में 2525 तक इलेक्ट्रानिक उद्योग का कारोबार 400 अरब डालर (26 लाख करोड़ रुपए) तक पहुंचाने का लक्ष्य है। इसमें से 190 अरब डालर यानी 13 लाख करोड़ रुपए केवल माबाइल फोन उद्योग से प्राप्त होने की संभावना है।