Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 May, 2018 11:15 AM
तेजी से उभरते भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग में 2017 में 211 करोड़ डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदे हए। इसके अलावा भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा विलय सौदा फ्लिपकॉर्ट-वालमॉर्ट जल्द पूरा होने की उम्मीद है।
नई दिल्लीः तेजी से उभरते भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग में 2017 में 211 करोड़ डॉलर के विलय एवं अधिग्रहण सौदे हए। इसके अलावा भारतीय ई-कॉमर्स क्षेत्र का अब तक का सबसे बड़ा विलय सौदा फ्लिपकॉर्ट-वालमॉर्ट जल्द पूरा होने की उम्मीद है। वैश्विक ऑडिट एवं परामर्श कंपनी ग्रांट थॉर्नटन के आंकड़ों के मुताबिक, 2017 में 211.2 करोड़ डॉलर के कुल 21 सौदे हुए। हालांकि, यह 2016 में हुए सौदों की तुलना में कम है। 2016 में 222.4 करोड़ डॉलर के 18 सौदे हुए।
आंकड़ों के मुताबिक जनवरी-अप्रैल 2018 के दौरान 22.6 करोड़ डॉलर मूल्य के 6 सौदे हुए। मॉर्गन स्टेनली के अनुमान के मुताबिक अगर वालमॉर्ट और फ्लिपकॉर्ट के बीच सौदा होता है तो यह भारतीय ई-कॉमर्स बाजार का अब तक का सबसे बड़ा सौदा होगा। ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के कार्यकारी निदेशक विद्या शंकर ने कहा कि भारतीय ई-कॉमर्स बाजार स्थिर है और आगे बढ़ रहा है। समय के साथ खरीद दर में तेजी आई है।
शंकर ने फ्लिपकॉर्ट-वालमॉर्ट के बीच प्रस्तावित सौदे पर कहा कि अमेरिका की दिग्गज खुदरा कंपनी का अधिग्रहण के माध्यम से विभिन्न क्षेत्रों और बाजारों में प्रवेश करने का रिकॉर्ड रहा है। उन्होंने कहा, ‘‘भारत में लंबी अवधि का काम है इसलिए उसका ऑनलाइन क्षेत्र में कदम रखना काफी महत्वपूर्ण है।’’ सूत्रों के अनुसार वालमॉर्ट भारत की फ्लिपकॉर्ट में बहुलांश हिस्सेदारी खरीदने के लिए 15 अरब डॉलर का निवेश करेगा। वह गूगल की मूल कंपनी एल्फाबेट को भी साथ ला रहा है। कुल मिलाकर भारतीय ई-टेलर कंपनी का मूल्य 20 अरब डॉलर तक पहुंच सकता है।