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विदेशों में काम करने वाले भारतीयों ने घर भेजे रिकॉर्ड 129.4 बिलियन डॉलर

Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Apr, 2025 05:08 PM

indians working abroad sent home a record 129 4 billion

विदेशों में काम कर रहे भारतीयों ने 2024 में रिकॉर्ड 129.4 बिलियन डॉलर भारत भेजे, जो कि अब तक का सबसे उच्चतम आंकड़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए बैलेंस ऑफ पेमेंट्स डेटा के विश्लेषण के अनुसार, दिसंबर तिमाही में $36 बिलियन की रिकॉर्ड...

बिजनेस डेस्कः विदेशों में काम कर रहे भारतीयों ने 2024 में रिकॉर्ड 129.4 बिलियन डॉलर भारत भेजे, जो कि अब तक का सबसे उच्चतम आंकड़ा है। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा जारी किए गए बैलेंस ऑफ पेमेंट्स डेटा के विश्लेषण के अनुसार, दिसंबर तिमाही में $36 बिलियन की रिकॉर्ड inflows हुईं। भारत ने लगातार तीसरे वर्ष $100 बिलियन से अधिक की रेमिटेंस प्राप्त की है।

दूसरे देशों के मुकाबले भारत का प्रमुख स्थान

भारत 2024 में दुनिया का सबसे बड़ा रेमिटेंस प्राप्तकर्ता देश बना रहा, जबकि दूसरे स्थान पर मैक्सिको (68 बिलियन डॉलर) और तीसरे स्थान पर चीन (48 बिलियन डॉलर) रहा। विश्व बैंक के अनुसार, फिलीपींस (40 बिलियन डॉलर) और पाकिस्तान (33 बिलियन डॉलर) क्रमशः चौथे और पांचवें स्थान पर रहे। 2024 में वैश्विक प्रेषण वृद्धि दर 5.8 प्रतिशत रही, जो 2023 में 1.2 प्रतिशत थी।

भारत के अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या में वृद्धि

भारत के अंतरराष्ट्रीय प्रवासियों की संख्या 1990 में 6.6 मिलियन से बढ़कर 2024 में 18.5 मिलियन हो गई है और इस दौरान भारत की हिस्सेदारी वैश्विक प्रवासियों में 4.3% से बढ़कर 6% हो गई है। खाड़ी देशों में भारतीय प्रवासियों की संख्या सबसे अधिक है, जो कुल भारतीय प्रवासियों का 50 प्रतिशत से अधिक हिस्सा रखते हैं।

प्रवासी प्रेषण बढ़ने के प्रमुख कारण

OECD देशों में नौकरी बाजार में सुधार- विशेष रूप से अमेरिका, जहां विदेशी कामगारों की नौकरियां फरवरी 2020 (कोविड-19 से पहले) के स्तर से 11% अधिक हो गई हैं। जनसंख्या वृद्धि, आय असमानता और जलवायु परिवर्तन के कारण बढ़ता प्रवासन- विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, यह कारक भविष्य में भी प्रवासी प्रेषण में वृद्धि जारी रखेंगे।

विदेशी निवेश (FDI) से अधिक प्रेषण

निम्न और मध्यम आय वाले देशों (LMICs) को 2024 में आधिकारिक रूप से 685 बिलियन डॉलर का प्रेषण मिलने का अनुमान है। पिछले दस वर्षों में प्रवासी प्रेषण 57% बढ़े, जबकि एफडीआई (विदेशी प्रत्यक्ष निवेश) 41% गिरा।

भविष्य में भी बढ़ेगा एनआरआई प्रेषण

विश्व बैंक के अनुसार, प्रवासी प्रेषण भविष्य में भी बढ़ते रहेंगे क्योंकि प्रवासन की दर बढ़ रही है। आय असमानता, जलवायु परिवर्तन और आर्थिक अवसरों की तलाश में भारतीय प्रवासियों की संख्या में वृद्धि जारी रहेगी। 

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