Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 May, 2025 02:30 PM

मंगलवार को भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप दिए जाने के बाद भारतीय उद्योग जगत में उत्साह की लहर है। उद्योग संगठनों का मानना है कि यह समझौता मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय निर्यातकों को ब्रिटिश बाजार...
बिजनेस डेस्कः मंगलवार को भारत और ब्रिटेन के बीच ऐतिहासिक मुक्त व्यापार समझौते (FTA) को अंतिम रूप दिए जाने के बाद भारतीय उद्योग जगत में उत्साह की लहर है। उद्योग संगठनों का मानना है कि यह समझौता मौजूदा वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच भारतीय निर्यातकों को ब्रिटिश बाजार में बेहतर अवसर देगा और दोनों देशों के बीच व्यापार को 2030 तक 100 अरब डॉलर के लक्ष्य की ओर ले जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और ब्रिटिश प्रधानमंत्री केअर स्टार्मर के बीच फोन पर हुई बातचीत के बाद समझौते की घोषणा की गई। इसमें लगभग 99% उत्पादों पर शुल्क छूट का प्रावधान है।
FICCI के अध्यक्ष हर्षवर्धन अग्रवाल ने इसे भारत की वैश्विक आर्थिक शक्ति के तौर पर उभरती भूमिका का प्रतीक बताया। उन्होंने कहा, ''यह समझौता एफएमसीजी, हेल्थकेयर और इनोवेशन-ड्रिवन क्षेत्रों में नए मौके बनाएगा।''
CII प्रमुख संजीव पुरी ने कहा कि यह समझौता भारत-ब्रिटेन के बीच रणनीतिक साझेदारी को गहरा करेगा और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में विविधता लाने में मदद करेगा।
TVS मोटर के प्रबंध निदेशक सुदर्शन वेणु ने इसे भारतीय कंपनियों के लिए अंतरराष्ट्रीय विस्तार का सुनहरा अवसर बताया।
ब्रिटेन की कारोबारी संस्थाएं जैसे इंटरनेशनल चैंबर ऑफ कॉमर्स और यूके-इंडिया बिजनेस काउंसिल (UKIBC) ने भी इस समझौते का स्वागत किया। UKIBC ने इसे व्यापार, निवेश और तकनीकी सहयोग में बाधाएं दूर करने वाला बताया।
IGF के चेयरमैन मनोज लाडवा ने कहा, ''यह समझौता सिर्फ एक दस्तावेज नहीं बल्कि एक दीर्घकालिक रणनीतिक साझेदारी की शुरुआत है।''