Edited By Supreet Kaur,Updated: 10 Jul, 2019 11:31 AM
देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो के दो प्रवर्तकों के बीच विवाद गहराता ही जा रहा है। इसी विवाद के चलते प्रवर्तक राकेश गंगवाल ने एयरलाइन में संचालन में गंभीर खामियों का आरोप लगाते हुए कहा कि "पान की दुकान" भी अपने मामलों को इससे बेहतर तरीके से संभालती...
बिजनेस डेस्कः देश की सबसे बड़ी एयरलाइंस इंडिगो के दो प्रवर्तकों के बीच विवाद गहराता ही जा रहा है। इसी विवाद के चलते प्रवर्तक राकेश गंगवाल ने एयरलाइन में संचालन में गंभीर खामियों का आरोप लगाते हुए कहा कि "पान की दुकान" भी अपने मामलों को इससे बेहतर तरीके से संभालती है। गंगवाल ने कहा कि कंपनी ने मूल सिद्धांतों और संचालन मूल्यों से पीछे हटना शुरू कर दिया है। इन्हीं सिद्धांतों और मूल्यों ने कंपनी को आज इस मुकाम पर पहुंचाया है।
सेबी को लिखा पत्र
गंगवाल ने बाजार नियामक सेबी को लिखे पत्र में कंपनी में संचालन के स्तर पर कई गंभीर खामियों को उठाया है। उन्होंने राहुल भाटिया तथा उनकी कंपनियों पर संदिग्ध लेनदेन में लिप्त होने का आरोप लगाया है। गंगवाल के अनुसार, शेयरधारकों के समझौते में उनके दोस्त भाटिया को इंडिगो पर असामान्य नियंत्रण अधिकार दिए गए हैं। उन्होंने पत्र की प्रति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन, नागर विमानन मंत्री हरदीप सिंह पुरी और वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल समेत अन्य लोगों को भेजी है। गंगवाल के निदेशक मंडल को असाधारण आम बैठक बुलाने के बारे में खिले जाने के बाद भाटिया ने 12 जून को प्रस्ताव का विरोध किया था।
गंगवाल की 37 प्रतिशत हिस्सेदारी
गौरतलब है कि इंडिगो देश ही नहीं, दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ने वाली एयरलाइंस में से है और इसके पीछे मुख्य फोर्स अमेरिकी एविएशन इंडस्ट्री में काम कर चुके राकेश गंगवाल को माना जाता है। गंगवाल की वजह से ही इंडिगो ने रिकॉर्ड संख्या में विमानों के ऑर्डर दिए हैं और भारत में आक्रामक तरीके से अपना काम बढ़ा रही है। अमेरिकी नागरिक बन चुके गंगवाल पर्दे के पीछे रहकर काम करते हैं, जबकि राहुल भाटिया भारत में एयरलाइंस के ग्रोथ और नियमित कामकाज को देखते हैं।गंगवाल और उनके सहयोगियों की इंटरग्लोब एविएशन में करीब 37 प्रतिशत हिस्सेदारी है। इंटरग्लोब एविएशन देश की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो की मूल कंपनी है। सह-प्रवर्तक राहुल भाटिया एवं उनके सहयोगियों की कंपनी में करीब 38 प्रतिशत हिस्सेदारी है।