इरडा का निर्देश, बीमा कंपनियां 1 से 5 लाख रुपए तक की हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी पेश करें

Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Jan, 2020 12:45 PM

insurance companies will have to present 1 5 lakhs irda

अलग-अलग बीमा कंपनियां विभिन्न प्रकार के व्यक्तिगत चिकित्सा बीमा उत्पादों की पेशकश करती हैं। प्रत्येक उत्पादों के विशिष्ट लाभ व उनकी शर्तें अलग-अलग होती हैं। इससे उपभोक्ताओं को होने वाली समस्याएं दूर करने के लिये बीमा नियामक ने सभी बीमा कंपनियों को

नई दिल्लीः अलग-अलग बीमा कंपनियां विभिन्न प्रकार के व्यक्तिगत चिकित्सा बीमा उत्पादों की पेशकश करती हैं। प्रत्येक उत्पादों के विशिष्ट लाभ व उनकी शर्तें अलग-अलग होती हैं। इससे उपभोक्ताओं को होने वाली समस्याएं दूर करने के लिए बीमा नियामक ने सभी बीमा कंपनियों को एक लाख से पांच लाख रुपए तक की एक मानक व्यक्तिगत चिकित्सा बीमा पॉलिसी उपलब्ध कराने को कहा है। 

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इरडा ने दिए दिशानिर्देश 
भारतीय बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण (इरडा) ने बृहस्पतिवार को इस संबंध में दिशानिर्देश जारी किए। उसने कहा, ‘‘चिकित्सा बीमा बाजार में व्यक्तिगत चिकित्सा बीमा के विविध उत्पाद उपलब्ध हैं। हर उत्पाद के फीचर विशिष्ट हैं जिसके कारण सही उत्पाद चुनना लोगों के लिए चुनौतीपूर्ण हो जाता है। अत: प्राधिकरण सभी सामान्य व चिकित्सा बीमा कंपनियों के लिए यह अनिवार्य करती है कि वे मानक व्यक्तिगत चिकित्सा बीमा उत्पाद की पेशकश करें।'' 

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आरोग्य संजीवनी पॉलिसी होगा उत्पाद का नाम 
इरडा ने कहा कि इस उत्पाद का नाम आरोग्य संजीवनी पॉलिसी होगा और इसके बाद कंपनियां अपना नाम जोड़ सकती हैं। दस्तावेजों में इसे छोड़ किसी अन्य नाम का जिक्र नहीं होना चाहिए। यह उत्पाद उपभोक्ताओं की आधारभूत चिकित्सा जरूरतों की कवरेज देगा। इसके तहत अधिकतम 5 लाख रुपए और न्यूनतम एक लाख रुपए का कवरेज होगा। इरडा ने कहा कि इस मानक उत्पाद में अनिवार्य तौर पर आधारभूत चिकित्सा जरूरतों की कवरेज होगी। इसमें किसी प्रकार के एड-ऑन या वैकल्पिक कवरेज की पेशकश नहीं होगी। 

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ग्राहकों को होगा फायदा
कंपनियां इरडा के दिशानिर्देशों के दायरे में रहते हुए प्रस्तावित कवरेज के आधार पर इस मानक उत्पाद की कीमतें निर्धारित कर सकती हैं। इसके तहत अनिवार्य आधारभूत चिकित्सा जरूरतों की कवरेज के दायरे में अस्पताल में भर्ती होने का खर्च, एक सीमा तक मोतियाबिंद के इलाज का खर्च, किसी बीमारी या चोट के कारण आवश्यक प्लास्टिक सर्जरी या दांतों के इलाज का खर्च, सभी प्रकार का डे-केयर इलाज तथा प्रति भर्ती पर अधिकतम दो हजार रुपए का एंबुलेंस शुल्क कवर होगा। 

आयुष योजना के तहत होने वाली भर्ती का खर्च, अस्पताल में भर्ती होने के 30 दिन पहले तक का खर्च तथा अस्पताल से डिस्चार्ज होने के 60 दिन बाद तक का खर्च भी इसके तहत कवर होगा। नियामक ने मानक चिकित्सा बीमा योजना चुनने की न्यूनतम उम्र 18 साल और अधिकतम उमग्र 65 साल तय की है। इसे मृत्युपरंत नवीकृत किया जा सकेगा। नियामक ने कहा कि यह बीमा उत्पाद पोर्टेबल होगा तथा इसका प्रीमियम राज्यों या क्षेत्रों के आधार पर अलग-अलग नहीं होकर पूरे देश में एकसमान होगा। नियामक ने कहा कि इस उत्पाद को एक अप्रैल 2020 से पेश करना होगा।

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