GST कटौती के बावजूद बढ़ा इंश्योरेंस प्रीमियम, पॉलिसीधारक हैरान

Edited By Updated: 02 Oct, 2025 12:08 PM

insurance premiums rise despite gst cut surprising policyholders

वस्तु एवं सेवा कर (GST) में नई सुधारों के तहत कई कंपनियों ने अपने उत्पादों और सेवाओं की कीमतों में कटौती की है। ऑटोमोबाइल से लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों तक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले उत्पादों की कीमतों में कमी देखी गई है। हालांकि, बीमा कंपनियों ने...

बिजनेस डेस्कः वस्तु एवं सेवा कर (GST) में नई सुधारों के तहत कई कंपनियों ने अपने उत्पादों और सेवाओं की कीमतों में कटौती की है। ऑटोमोबाइल से लेकर ई-कॉमर्स कंपनियों तक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बिकने वाले उत्पादों की कीमतों में कमी देखी गई है। हालांकि, बीमा कंपनियों ने GST में कमी का पूरा लाभ पॉलिसीधारकों को नहीं दिया है। उलटे कई बीमा कंपनियां पॉलिसी के साथ अतिरिक्त कवरेज जोड़ रही हैं, जिससे प्रीमियम घटने की जगह बढ़ गया है।

GST काउंसिल ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर 18% GST को घटाकर शून्य कर दिया था। नई दरें 22 सितंबर से लागू हैं लेकिन इस तारीख के बाद जिन पॉलिसियों का प्रीमियम जमा होना था, उनमें उतनी कटौती नहीं की गई है, जितनी होनी चाहिए थी। हेल्थ इंश्योरेंस कंपनियों के मामले में सबसे ज्यादा शिकायतें सामने आई हैं। कुछ कंपनियों ने पॉलिसीधारक की उम्र बढ़ने का हवाला देकर प्रीमियम बढ़ा दिया। उदाहरण के लिए, एक व्यक्ति का पिछले वर्ष 63 हजार रुपए का प्रीमियम था लेकिन इस साल उनकी उम्र 70 साल होने पर प्रीमियम बढ़ा दिया गया।

कंपनियों को लेकर शिकायतें

इसके अलावा, कई कंपनियों ने पॉलिसी में राइडर यानी अतिरिक्त कवरेज जोड़कर प्रीमियम को पुराने स्तर पर रखा। कई शिकायतों में बताया गया कि यह कवरेज पहले से मौजूद था लेकिन नए लाभ के रूप में पेश कर प्रीमियम बढ़ाया गया। सरकार अब स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियम पर नजर रख रही है और आवश्यकता पड़ने पर इरडा को कार्रवाई के लिए निर्देश दे सकती है।

कुछ मामलों में पॉलिसीधारकों को लाभ भी दिया गया है। कुछ कंपनियों ने GST कटौती का फायदा सीधे पॉलिसीधारकों को देने के लिए अपनी खर्च और कमीशन घटाए। उदाहरण के तौर पर, एक व्यक्ति का जीवन बीमा प्रीमियम 23,667 रुपए था, जो इस साल घटकर 23,146 रुपए हुआ यानी करीब 2.5% की कटौती।

नोटबुक की कीमतें बढ़ गईं

वहीं, नोटबुक और कॉपी पर भी बदलाव हुआ है। सरकार ने नोटबुक और कॉपी पर GST शून्य कर दिया है लेकिन कागज पर 18% GST लागू किया गया है। इससे दुकानदार माल खरीदते समय 18% GST देते हैं लेकिन ग्राहक को बेचते समय टैक्स नहीं लगता, जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट नहीं मिल पा रहा है। परिणामस्वरूप नोटबुक और कॉपियों के दाम बढ़ गए हैं। पहले नोटबुक, एक्सरसाइज बुक, नक्शे और ड्राइंग सामग्री पर 12% GST लगता था, जिसे घटाकर शून्य कर दिया गया, जबकि कागज पर GST 18% कर दिया गया।
 

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