Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Aug, 2018 11:07 AM
संकट में फंसी जेट एयरवेज के लिए समस्या बढ़ती जा रही है। सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों से 11,000 करोड़ रुपए के कर्ज में डिफाल्ट होने के जोखिम का समय पर खुलासा नहीं करने को
नई दिल्लीः संकट में फंसी जेट एयरवेज के लिए समस्या बढ़ती जा रही है। सार्वजनिक एवं निजी क्षेत्र के बैंकों से 11,000 करोड़ रुपए के कर्ज में डिफाल्ट होने के जोखिम का समय पर खुलासा नहीं करने को लेकर जेट एयरवेज और कुछ क्रेडिट रेटिंग एजेंसियां नियामकीय निगरानी के घेरे में आ गई हैं।
नियामकीय अधिकारियों ने बताया कि यह माना जा रहा है कि संबंधित कर्ज खातों को मानकीकृत कर दिया गया है लेकिन आरोप है कि 30 जून को समाप्त तिमाही के दौरान कई मौकों पर इसमें डिफाल्ट हुआ और वह लगातार कर्जदाता बैंकों की निगरानी सूची में है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी के अधिकारियां का कहना है कि वह एयरलाइन द्वारा सौंपी गयी माह अंत की स्थिति रिपोर्ट की यदि बात करें तो इसमें यह कहा गया है कि कोई डिफाल्ट नहीं है।
वित्तीय समस्याओं से जूझ रही जेट एयरवेज ने जून तिमाही के लिए वित्तीय परिणाम की घोषणा टाल दी थी। उसने अब तक परिणाम जारी करने की तारीख की घोषणा नहीं की है। पूंजी बाजार नियामक सेबी एयरलाइन की आडिट कमेटी की आपत्ति के बाद कंपनी द्वारा वित्तीय परिणाम की घोषणा टाले जाने के मुद्दों को देख रहा है। अब कर्ज में कथित चूक के मुद्दे की भी जांच की जा रही है। इस बारे में जेट एयरवेज से फिलहाल कोई टिप्पणी नहीं मिल पाई है। वहीं रेटिंग एजेंसी इक्रा ने कहा कि उसे कंपनी से हर महीने की आखिरी में नियमित रूप से सेबी द्वारा निर्धारित प्रारूप में रिण किस्त चुकाने में असफल रहने के बारे में कोई घोषणा नहीं मिली है।