जेपी इन्फ्रा दिवाला मामला: NBCC, सुरक्षा रियल्टी ने अंतिम बोलियां जमा कराईं

Edited By Supreet Kaur,Updated: 04 Dec, 2019 11:22 AM

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सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी लिमिटेड और मुंबई की सुरक्षा रियल्टी ने मंगलवार को दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही जेपी इन्फ्राटेक के अधिग्रहण के लिए अंतिम बोलियां जमा कराईं। सूत्रों ने बताया कि दोनों कंपनियों ने अपनी संशोधित बोलियों में ऋ...

नई दिल्लीः सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी एनबीसीसी लिमिटेड और मुंबई की सुरक्षा रियल्टी ने मंगलवार को दिवाला प्रक्रिया से गुजर रही जेपी इन्फ्राटेक के अधिग्रहण के लिए अंतिम बोलियां जमा कराईं। सूत्रों ने बताया कि दोनों कंपनियों ने अपनी संशोधित बोलियों में ऋणदाताओं को अधिक जमीन देने की पेशकश की है। ऋणदाताओं ने दोनों कंपनियों से अपनी पेशकश को बढ़ाने और बोलियां तीन दिसंबर तक जमा कराने को कहा था।

सूत्रों ने बताया कि एनबीसीसी ने अपनी अंतिम बोली में ऋणदाताओं को 1,526 एकड़ जमीन की पेशकश की है। पहले कंपनी ने 1,426 एकड़ जमीन देने की पेशकश की थी। इसके अलावा कंपनी ने 20,000 फ्लैटों को पूरा करने की समयसीमा को भी चार साल से घटाकर साढ़े तीन साल कर दिया है। सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी ने ऋणदाताओं के साथ यमुना एक्सप्रेसवे के लिए 10 साल का रियायती करार करने का प्रस्ताव किया है। यह एक्सप्रेसवे नोएडा को आगरा से जोड़ता है।  सूत्रों ने कहा कि सुरक्षा रियल्टी ने अब जमीन-ऋण अदला-बदली करार के तहत 9,800 करोड़ रुपए की 2,220 एकड़ जमीन की पेशकश की है। पहले उसने 7,857 करोड़ रुपए मूल्य की 1,934 एकड़ जमीन की पेशकश की थी।। इसके अलावा अब कंपनी ने ऋणदाताओं को 175 करोड़ रुपए का अग्रिम भुगतान करने का प्रस्ताव किया है। पहले उसने ऋणदाताओं को 25 करोड़ रुपए अग्रिम भुगतान की पेशकश की थी। फ्लैट खरीदारों के लिए अब सुरक्षा रियल्टी ने 250 करोड़ रुपए का जमीन का टुकड़ा अलग रखने का प्रस्ताव किया है। पहले उसने इसके लिए 100 करोड़ रुपए की भूमि अलग रखी थी।

कंपनी ने वादा किया है कि यदि जयप्रकाश एसोसिएट्स द्वारा गिरवी रखी गई 858 एकड़ जमीन जेपी इन्फ्राटेक के पास वापस आ जाती है तो वह फ्लैट खरीदारों के लिए 250 करोड़ रुपए मूल्य की जमीन और रखेगी। सूत्रों ने बताया कि जेपी इन्फ्राटेक की लंबित आवासीय परियोजनाओं को पूरा करने को सुरक्षा रियल्टी तकनीकी और परिचालन समर्थन के लिए जेएसडब्ल्यू ग्रुप से बातचीत कर रही है। संकट में फंसी जयप्रकाश एसोसिएट्स की अनुषंगी जेपी इन्फ्राटेक अगस्त, 2017 में दिवाला प्रक्रिया में चली गई थी। राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने इस बारे में आईडीबीआई बैंक की अगुवाई वाले गठजोड़ की अपील को सुनवाई के लिए स्वीकार किया। न्यायाधिकरण ने अनुज जैन को मामले में अंतरिम समाधान पेशेवर नियुक्त किया। 

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