विजय माल्या के खिलाफ हाईकोर्ट से वारंट जारी, शपथपत्र उल्लंघन का आरोप

Edited By ,Updated: 28 Jan, 2017 01:33 PM

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कर्नाटक उच्च न्यायालय ने संकट में फंसे शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ जमानती वॉरंट जारी किया।

नई दिल्ली: कर्नाटक उच्च न्यायालय ने संकट में फंसे शराब कारोबारी विजय माल्या के खिलाफ जमानती वॉरंट जारी किया। माल्या और उनकी कंपनियों द्वारा कथित रूप से यूनाइटेड ब्रूवरीज होल्डिंग्स लिमिटेड (यूबीएचएल) में अपने इक्विटी शेयर ब्रिटेन की स्पिरिट कंपनी डियाजियो पीएलसी को स्थानांतरित नहीं करने के शपथपत्र के उल्लंघन के आरोप में यह वॉरंट जारी किया गया है।

माल्या और कंपनियों पर शपथपत्र उल्लंघन का आरोप
न्यायमूर्ति जयंत पटेल की खंडपीठ ने कहा, ‘‘हम इस मामले में शपथपत्र का उल्लंघन करने के लिए आरोपी विजय माल्या के खिलाफ जमानती वॉरंट जारी कर रहे हैं।’’ यह वॉरंट भारतीय स्टेट बैंक की अगुवाई वाले बैंकों के गठजोड़ की याचिका पर जारी किया गया है। माल्या पीठ के समक्ष पेश होने में विफल रहे। पीठ में न्यायमूर्ति अरविंद कुमार भी शामिल हैं। बैंकों का आरोप है कि माल्या और उनकी कंपनियों ने शपथपत्र का उल्लंघन किया है। इनमें बंद हो चुकी किंगफिशर एयरलाइंस भी शामिल है। इन लोगों ने यूबीएचएल में अपने इक्विटी शेयर स्थानांतरित नहीं करने के शपथपत्र का उल्लंघन किया है। ऋण वसूली न्यायाधिकरण (डीआरटी) ने स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक को उसके पास गिरवी रखे शेयरों को डियाजियो पीएलसी को देने से रोक दिया था।

अगली सुनवाई 17 फरवरी को
इससे पहले 2 दिसंबर को उच्च न्यायालय के न्यायाधीश विनीत कोठारी ने माल्या के शपथपत्र के उल्लंघन के लिए उनको समन करने को चुनौती देने के आदेश को खारिज करने के आवेदन को रद्द कर दिया था। न्यायमूर्ति पटेल और न्यायमूर्ति कुमार ने माल्या को 24 नवंबर को उनके समक्ष पेश होने के लिए समन किया था। सुनवाई शुरू करते हुए बैंकों के वकील नागानंदा ने माल्या के खिलाफ शपथपत्र के उल्लंघन के लिए गैर जमानती गिरफ्तारी वॉरंट जारी करने की अपील की। खंडपीठ ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 17 फरवरी तय की है।

मदद की मांग की थी, कर्ज की नहीं: माल्या
उधर माल्या ने आज कहा कि सरकारी एयरलाइन 'एअर इंडिया' को संकट से उबारने के लिए जनता के पैसों का इस्तेमाल किया गया लेकिन 'सबसे बड़ी घरेलू एयरलाइन' को बचाने के लिए ऐसा नहीं किया गया। माल्या ने अपने बचाव में कई ट्वीट किए। उन्होंने कहा कि वह कर्ज नहीं चाहते थे बल्कि वह चाहते थे सरकार अपनी नीतियों में बदलाव कर उनकी मदद करे। उन्होंने 'एअर इंडिया को दिए गए पब्लिक फंड' पर सवाल उठाते हुए कहा, 'किंगफिशर एयरलाइंस जब डूबी उस समय तेल की कीमतें 140 डॉलर प्रति बैरल थीं और डॉलर के मुकाबले रुपया गिरा हुआ था। अर्थव्यवस्था की हालत खराब थी।' माल्या ने दावा किया कि किंगफिशर एयरलाइंस भारत की सबसे बड़ी और सबसे अच्छी एयरलाइंस थी जो दुर्भाग्य से आर्थिक और नीतिगत वजहों से नाकाम हो गई।

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