Edited By Supreet Kaur,Updated: 19 Nov, 2019 11:45 AM
वाहन चालकों को अब ड्राइविंग लाइसेंस तथा वाहन से संबंधित अन्य दस्तावेजों की मूल प्रति साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने सोमवार को संसद में जानकारी दी है कि अगर आप अपने वाहन के पंजीकरण, बीमा या अन्य दस्तावेजों को एम-परिवहन या डिजीलॉकर जैसे...
नई दिल्लीः वाहन चालकों को अब ड्राइविंग लाइसेंस तथा वाहन से संबंधित अन्य दस्तावेजों की मूल प्रति साथ लेकर चलने की जरूरत नहीं होगी। सरकार ने सोमवार को संसद में जानकारी दी है कि अगर आप अपने वाहन के पंजीकरण, बीमा या अन्य दस्तावेजों को एम-परिवहन या डिजीलॉकर जैसे ऐप में रखते हैं तो यह पूरी तरह से वैध हैं।
नितिन गडकरी ने बताया वैध
केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने लोकसभा में बताया कि सरकार ने केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 के 139 में संशोधन करके वाहन संबंधी दस्तावेजों को इलेक्ट्रॉनिक रूप में दिखाए जाने को वैध बनाया है। उन्होंने बताया कि इस बदलाव के बाद अब कोई भी व्यक्ति एम परिवहन या डिजीलॉकर जैसे एप में वाहन के पंजीकरण, बीमा, फिटनेस और परमिट प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस और किसी भी अन्य दस्तावेज की इलेक्ट्रॉनिक रूप में प्रस्तुत कर सकता है। उन्होंने बताया कि इन सभी इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेजों को स्वीकार किया जाएगा और इन्हें परिवहन प्राधिकरणों की ओर से जारी प्रमाण पत्र के समान माना जाएगा।
क्या है डिजिटल लॉकर?
डिजिटल लॉकर या डिजिलॉकर एक तरह का वर्चुअल लॉकर है। इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जुलाई 2015 में लॉन्च किया था, हालांकि इससे जुड़े नियमों को 2017 में नोटिफिाई किया गया था। सरकार का दावा है कि एक बार लॉकर में अपने डाक्यूमेंट अपलोड करने के बाद उन्हें फिजिकली रखने की जरूरत नहीं होती है। संबंधित अधिकारी के मांगे जाने पर आप इसे दिखाकर अपना काम चला सकते हैं। अधिकारी को इसे मान्यता देनी होगी।
क्या है खासियत
डिजिटल लॉकर की खासियत ये है कि आप कहीं भी और कभी भी अपने डॉक्युमेंट्स इसके जरिए जमा कर सकते हैं। डिजिटल लॉकर स्कीम में हर भारतीय एजुकेशनल, मेडिकल, पासपोर्ट और पैन कार्ड डिटेल्स को डिजिटल फॉर्म में रख सकता है। वेबसाइट में कहा गया है, 'डिजिटल लॉकर अधिकृत उपभोक्ताओं/ एजेंसियों को किसी भी समय और कहीं भी अपने दस्तावेजों को सुरक्षित तरीके से अपलोड और साझा करने की सहूलियत देंगे।