Edited By jyoti choudhary,Updated: 26 Mar, 2019 02:23 PM
देश में खादी लगातार लोकप्रिय हो रही है। दिल्ली के कनॉट प्लेस में 20,000 स्क्वायर फीट में बने खादी ग्राम उद्योग भवन में अक्टूबर और नवंबर 2018 के बीच इसकी एक करोड़ बिक्री प्रतिदिन रिकॉर्ड की गई, जब इसने अपनी डिस्काउंट स्कीम को लागू किया।
बिजनेस डेस्कः देश में खादी लगातार लोकप्रिय हो रही है। दिल्ली के कनॉट प्लेस में 20,000 स्क्वायर फीट में बने खादी ग्राम उद्योग भवन में अक्टूबर और नवंबर 2018 के बीच इसकी एक करोड़ बिक्री प्रतिदिन रिकॉर्ड की गई, जब इसने अपनी डिस्काउंट स्कीम को लागू किया। वर्ष 2017-18 भवन ने 103 करोड़ रुपए के रिकॉर्ड उत्पादों की बिक्री की। छह-सात साल पहले इस भवन की बिगड़ती दशा को देखने वाले इस बात को लेकर हैरान थे कि ये ये परिवर्तन कैसे हो गया। खादी का क्रेज हाल के वर्षों में बढ़ा।
अगर 2013-14 की बात करें तो उस वित्त वर्ष में खादी की बिक्री मात्र 1,081 करोड़ रुपए थी। भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक खादी की बिक्री इस वित्तीय वर्ष में सबसे अधिक 3,200 करोड़ रुपए तक पहुंच गई। यह जानकारी खादी और ग्रामोद्योग आयोग (KVIC) के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने दी।
4 वर्षों में बढ़ी खादी की बिक्री
MSME मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि 2017-18 में यह बिक्री 2,510 करोड़ रुपए रही। मौजूदा सरकार के पहले 4 वर्षों में यह बिक्री 30% वार्षिक दर से बढ़ी जबकि पिछले 10 वर्षों में यह बिक्री 6.7% रही। सक्सेना ने कहा, इस सरकार (विशेष रूप से पीएम नरेंद्र मोदी) द्वारा खादी को बढ़ावा दिए जाने पर KVIC ने रेमंड, अरविंद मिल्स और आदित्य बिड़ला फैशन जैसी कंपनियों के साथ 2017-18 में आपूर्ति टाई-अप किया। जिससे खादी उत्पादों को सार्वजनिक क्षेत्र में बेचने के लिए बड़े पैमाने पर मार्कटिंग की गई। सक्सेना ने कहा कि इस बिक्री में कर्मचारियों का भी बड़ा हाथ है।
इन कंपनियों ने खरीदा खादी कपड़ा
उदाहरण के तौर पर रेमंड ने पिछले वित्त वर्ष में 7.26 लाख मीटर ग्रे खादी कपड़ा खरीदा, जबकि अरविंद मिल्स ने खादी डेनिम का लगभग एक मिलियन वर्ग मीटर खरीदा। इन कंपनियों ने खादी उद्योग की संस्थानों से कपड़ा खरीदा और अपने निजी ब्रांड के नाम पर कपड़े बनाकर बेचे।
दिलचस्प बात यह है कि KVIC और खादी संस्थानों ने पिछले साल कई सार्वजनिक क्षेत्रों के साथ समझौते करके अपनी सेल बनाई। सबसे पहले उन्हें ओएनजीसी से 2017-18 में 46 करोड़ रुपए और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन से 43 करोड़ रुपए के ऑर्डर मिले। अब खादी उद्योग ऑयल इंडिया से 11 करोड़ रुपए का एक और सौदा पूरा करने में जुटा हुआ है। सक्सेना ने कहा कि बहुत जल्द विभिन्न राज्यों के कम से कम 83,000 पोस्टमैन खादी की यूनीफॉर्म में दिखाई देगे। इस संबंध में डाक विभाग के साथ MoU (सहमति पत्र) दिया जा रहा है। आगामी चुनावों के मौसम में खादी बिक्री बढ़ने की उम्मीद है।