वर्ष 2018-19 के लिए कम कपास उत्पादन अनुमान, आयात बढ़ेगा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 08 Feb, 2019 11:05 AM

less cotton production estimates for the year 2018 19 imports will increase

भारतीय कपास संघ (सीएआई) ने एक अक्तूबर 2018 से शुरु होने वाले कपास वर्ष में कपास उत्पाद के बारे में अपने पिछले अनुमान को पांच लाख गांठ कम कर 330 लाख गांठ (कपास की एक गांठ 170 किग्रा का होता है) कर दिया है।

मुंबईः भारतीय कपास संघ (सीएआई) ने एक अक्तूबर 2018 से शुरु होने वाले कपास वर्ष में कपास उत्पाद के बारे में अपने पिछले अनुमान को पांच लाख गांठ कम कर 330 लाख गांठ (कपास की एक गांठ 170 किग्रा का होता है) कर दिया है। घरेलू उत्पादन में इस कमी से कपास आयात 80 प्रतिशत बढ़ सकता है। सीएआई ने यहां बृहस्पतिवार को जारी एक विज्ञप्ति में कहा कि इससे पूर्व के दिसंबर अनुमान में सीएआई ने कपास उत्पादन 335 लाख गांठ रहने का अनुमान लगाया था। कपास विपणन वर्ष एक अक्ट्रबर 2018 से शुरु होता है। 

सीएआई के अध्यक्ष अतुल गणत्र ने बताया, ‘‘वर्ष 2009 में कपास उत्पादन सबसे कम यानी 305 लाख गांठ था जबकि वर्ष 2015-16 में यह 332 लाख गांठ था। इस वर्ष यह दूसरा सबसे कम स्तर यानी 330 लाख गांठ रहने का अनुमान है।’’ कपास का आयात 12 लाख गांठ अधिक (लगभग 80 प्रतिशत वृद्धि) यानी 27 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले वर्ष यह आयात 15 लाख गांठ ही थी। सीएआई ने कपास की खपत 316 लाख गांठ होने का अनुमान लगाया है जो पिछले महीने के अनुमानित खपत के आंकड़े की तुलना में चार लाख गांठ कम है।

कपास के उत्पादन में कमी करने का मुख्य कारण प्रमुख कपास उत्पादक क्षेत्रों में कम बरसात का होना बताया गया है। फसल अनुमान में कमी करने का मुख्य कारण आंध्र प्रदेश, कर्नाटक और तेलंगाना सहित दक्षिणी क्षेत्रों में किसान मुख्यत: नमी की कमी के बाद बहुत से खेतों को उजाड़ दिया है। सीएआई ने तेलंगाना के लिए फसल उत्पदन के अनुमान को 2.50 लाख गांठ से घटाकर 45 लाख गांठ, आंध्र प्रदेश में 50,000 गांठ घटाकर 16 लाख गांठ तथा कर्नाटक में दो लाख गांठ घटाकर 15 लाख गांठ कर दिया है।  


 

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