Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jun, 2021 11:50 AM
रूस द्वारा बेस मैटल्स पर 15 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाए जाने के बाद अब चीन मैगनींज फ्लैक पर 5 प्रतिशत ड्यूटी लगाने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार चीन द्वारा लगाई जाने वाली यह ड्यूटी 1 जुलाई से लागू हो सकती है। दुनिया में 95 प्रतिशत मैगनींज फ्लैक की
बिजनेस डेस्क (नरेश अरोड़ा): रूस द्वारा बेस मैटल्स पर 15 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाए जाने के बाद अब चीन मैगनींज फ्लैक पर 5 प्रतिशत ड्यूटी लगाने जा रहा है। सूत्रों के अनुसार चीन द्वारा लगाई जाने वाली यह ड्यूटी 1 जुलाई से लागू हो सकती है। दुनिया में 95 प्रतिशत मैगनींज फ्लैक की आपूर्ति चीन द्वारा की जाती है और यदि चीन ने एक जुलाई से इस पर कर बढ़ाया तो पूरी दुनिया में इसकी कीमतें बढ़ेंगी। पहले ही इस धातु की कीमतें 13 साल के उच्तम स्तर पर चल रही हैं। इस से पहले 25 जून को रूस ने मैटल्स के 340 उत्पादों पर 15 प्रतिशत एक्सपोर्ट ड्यूटी लगाने का ऐलान किया था। रूस के बाद अब चीन द्वारा किए गए ऐलान के बाद पूरी दुनिया में पहले से बढ़ रही मैटल्स की कीमतें और ज्यादा बढ़ जाएंगी।
मैटल्स की कीमतें बढ़ने का ऑटो कंपनियों के साथ-साथ एफ.एम.सी.जी. कंपनियों पर तो असर होगा ही साथ ही मकान निर्माण गतिविधियों पर भी इसका असर पड़ेगा। इससे इंफ्रास्ट्रक्चर के क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियों की लागत बढ़ेगी और आम आदमी के लिए मकान बना भी महंगा हो जाएगा।
यूरोप को 42 प्रतिशत एल्यूमिनियम की आपूर्ति करता है रूस
रूस द्वारा 25 जून को बेस मैटल्स पर एक्सपोर्ट ड्यूटी बढ़ाए जाने का सबसे ज्यादा असर यूरोप में होगा। रूस का बड़ा एल्यूमीनियम प्रोड्यूसर रुस यूरोप को बड़ी मात्रा में एल्यूमिनियम की आपूर्ति करता है। कंपनी की पहली तिमाही के नतीजों के मुताबिक़ कंपनी का 42 प्रतिशत एक्सपोर्ट यूरोपीय देशों को किया गया है जबकि 26 प्रतिशत एक्सपोर्ट एशिया और 8 प्रतिशत एक्सपोर्ट अमरीका को हुआ है।
रूस द्वारा मैटल्स पर लगाई गई यह अस्थाई एक्सपोर्ट ड्यूटी 1 अगस्त से शुरू हो कर 31 दिसंबर तक जारी रहेगी। बाजार के जानकारों का मानना है कि रूस के इस कदम से मैटल्स की कीमतों में जबरदस्त तेजी आ सकती है क्योंकि बाजार में मैटल्स की आपूर्ति पहले ही कम है और कीमतें लगातार उच्चतम स्तर पर बनी हुई हैं। हालांकि रूस ने रशियन इकनॉमिक यूनियन के बाहर निर्यात करने पर ही यह ड्यूटी लगाई है लेकिन इसका पूरी दुनिया में कीमतों पर बड़ा असर होने वाला है।