Edited By rajesh kumar,Updated: 25 Sep, 2020 03:51 PM
चीनी कंपनी एमजी मोटर्स को भारत में चल रहे चीनी सामानों के बहिष्कार करने की वजह से काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। अब कंपनी ने तय किया है कि वह भारत के प्रमोशन डिपार्टमेंट (DPIIT) से कहेगी कि वह भारत में फिर से कुछ निवेश करना चाहती है।
नई दिल्ली: चीनी कंपनी एमजी मोटर्स को भारत में चल रहे चीनी सामानों के बहिष्कार करने की वजह से काफी नुकसान झेलना पड़ रहा है। अब कंपनी ने तय किया है कि वह भारत के प्रमोशन डिपार्टमेंट (DPIIT) से कहेगी कि वह भारत में फिर से कुछ निवेश करना चाहती है। एमजी मोटर्स की प्लानिंग है कि वह अपने नए मॉडल्स लॉन्च करने के लिए और अपना बिजनस बढ़ाने के लिए 1000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी। एफडीआई के नियमों में बदलाव होने की वजह से कंपनी को कोई भी निवेश करने से पहले DPIIT से मंजूरी लेनी होगी।
चीन सामान के बहिष्कार की भावना भारत में शॉर्ट टर्म
एमजी मोटर्स इंडिया के प्रेसिडेंट और एमडी राजीव छाबड़ा ने कहा कि भारत सरकार को इस बात का फैसला करने का पूरा हक है कि देश के लिए क्या सही है और क्या नहीं। हर सरकार को देश के भले के बारे में सोचना होता है। जब उनसे चीन के सामान के बहिष्कार की भावना की बात कही गई तो वह बोले कि यह सब शॉर्ट टर्म है, लेकिन अगर मीडियम से लॉन्ग टर्म में देखा जाए तो कंपनी की ग्रोथ होगी। उन्होंने कहा कि ऐसे कई उदाहरण हैं जिसमें कई देशों के बीच तनाव होता है, लेकिन उसकी वजह से बिजनेस पर असर नहीं होता है।
3000 करोड़ रुपये भारत में निवेश किए हैं- एमजी मोटर्स
एमजी मोटर्स ने पहले ही 3000 करोड़ रुपये भारत में निवेश किए हैं। इसने जनरल मोटर्स का प्लांट तक खरीद लिया है। अभी ये कंपनी भारत में हेक्टर प्रीमियम एसयूवी बेच रही है। छाबड़ा ने कंपनी के नए मॉडल ग्लोस्टर की बात भी की, जो कि एक लग्जरी एसयूवी है। उन्होंने कहा भी भारत में एमजी मोटर्स अब लोकलाइजेशन को बढ़ाएगी। हालांकि, उन्होंने ये भी कहा कि भारत में चीन की तुलना में पार्ट्स महंगे हैं, लेकिन फिर भी कंपनी लोकलाइजेशन पर जोर देगी।