महंगाई की मार: फिर बढ़ेंगे दूध के दाम! Amul के प्रबंध निदेशक ने बताई ये वजह

Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Apr, 2022 11:15 AM

milk prices will increase again amul s managing director told this reason

डेयरी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अमूल का मानना है कि आगे जाकर बिजली, लॉजिस्टिक्स और पैकेजिंग लागत के बढ़ते दबाव के कारण दूध कीमतों में मजबूती बनी रहेगी। दूध की कीमतों के बारे में दृष्टिकोण को लेकर पूछे जाने पर अमूल के प्रबंध निदेशक (एमडी) आर

बिजनेस डेस्कः डेयरी क्षेत्र की प्रमुख कंपनी अमूल का मानना है कि आगे जाकर बिजली, लॉजिस्टिक्स और पैकेजिंग लागत के बढ़ते दबाव के कारण दूध कीमतों में मजबूती बनी रहेगी। दूध की कीमतों के बारे में दृष्टिकोण को लेकर पूछे जाने पर अमूल के प्रबंध निदेशक (एमडी) आर एस सोढ़ी ने कहा, ‘‘कीमतें मजबूत रहेंगी, मैं यह नहीं कह सकता कि कितनी। वे यहां से घट नहीं सकतीं, केवल ऊपर जा सकती हैं।’’

सोढ़ी ने कहा कि अमूल सहकारी कंपनी ने पिछले दो वर्षों में कीमतों में आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी की है, जिसमें पिछले महीने दूध की कीमतों में प्रति लीटर दो रुपए की वृद्धि भी शामिल है। मुख्य मुद्रास्फीति बड़ी चिंता का विषय है, जिससे नीति निर्माता जूझ रहे हैं।  

बिजली, लॉजिस्टिक्स, पैकेजिंग सब हुआ महंगा
सोढ़ी ने इस बात पर जोर देते हुए कहा कि उनके उद्योग में मुद्रास्फीति चिंता का कारण नहीं है, किसान को उनके उत्पाद के लिए उच्च कीमतों के माध्यम से लाभ मिल रहा है। उन्होंने कहा कि अमूल और व्यापक डेयरी क्षेत्र द्वारा की गई बढ़ोतरी दूसरों की तुलना में विशेषकर लागत में हुई वृद्धि की तुलना में बहुत कम है। उन्होंने कहा कि बिजली की बढ़ी कीमतें कोल्ड स्टोरेज के खर्च को बढ़ाती हैं, जो लगभग एक-तिहाई से अधिक बढ़ गई हैं। लॉजिस्टिक्स लागत भी बढ़ी है और पैकेजिंग के मामले में भी ऐसा ही है।

इन दबावों के कारण दूध कीमत में 1.20 रुपए प्रति लीटर की वृद्धि हुई है। उन्होंने जोर देकर कहा कि महामारी के दौरान किसानों की प्रति लीटर आय भी चार रुपए तक बढ़ गई है। यह भी कहा कि अमूल इस तरह के दबावों से बेफिक्र है क्योंकि इस सहकारिता संस्था के लिए मुनाफा मुख्य उद्देश्य नहीं है।

सोढ़ी ने कहा कि यूक्रेन में युद्ध जैसे वैश्विक घटनाक्रम भारतीय डेयरी क्षेत्र के लिए अच्छे हैं। उन्होंने कहा कि जैसे-जैसे वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला बाधित होती है, वे भारतीय निर्यात में मदद करते हैं। उन्होंने कहा कि युद्ध के बिना भी अकेले महामारी से संबंधित व्यवधानों ने अमूल के निर्यात राजस्व को एक वर्ष में तीन गुना बढ़कर 1,400 करोड़ रुपए से अधिक करने में मदद की है। अमूल जैविक खाद्य व्यवसाय में प्रवेश करने के लिए तैयार है और वर्तमान में उसी का परीक्षण चल रहा है। उन्होंने कहा कि कंपनी हर उस गतिविधि में रुचि रखती है जो खेती और कृषि से संबद्ध है।
 

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