Edited By jyoti choudhary,Updated: 24 Nov, 2025 05:39 PM

रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) ग्राहक ऋण बोझ बढ़ने से कुछ क्षेत्रों में सतर्क रुख अपनाने के बावजूद प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में 18 प्रतिशत की वृद्धि बरकरार रखेंगी। इसके साथ ही क्रिसिल रेटिंग्स ने...
मुंबईः रेटिंग एजेंसी क्रिसिल ने कहा है कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी) ग्राहक ऋण बोझ बढ़ने से कुछ क्षेत्रों में सतर्क रुख अपनाने के बावजूद प्रबंधन-अधीन परिसंपत्तियों (एयूएम) में 18 प्रतिशत की वृद्धि बरकरार रखेंगी। इसके साथ ही क्रिसिल रेटिंग्स ने अनुमान लगाया है कि उद्योग का कुल एयूएम वित्त वर्ष 2026-27 के अंत तक लगभग 50 लाख करोड़ रुपए तक पहुंच जाएगा।
क्रिसिल के मुख्य रेटिंग अधिकारी कृष्णन सीतारमण ने कहा, ‘‘एनबीएफसी सूक्ष्म, लघु एवं मझोली कंपनियों (एमएसएमई) और असुरक्षित ऋण श्रेणियों में जोखिम को ध्यान में रखते हुए वृद्धि अपनाएंगी।'' एयूएम का छह प्रतिशत हिस्सा असुरक्षित या बिना गारंटी वाले एमएसएमई ऋण का है लेकिन यह उधारकर्ताओं के अधिक ऋण बोझ के कारण बढ़ती अनियमितताओं से प्रभावित हैं। इस श्रेणी में एयूएम वृद्धि 31 प्रतिशत से घटकर 13–14 प्रतिशत रहने का अनुमान है। एयूएम में 11 प्रतिशत हिस्सेदारी रखने वाले व्यक्तिगत ऋण की वृद्धि वित्त वर्ष 2024-25 के 18 प्रतिशत से बढ़कर 22–25 प्रतिशत हो जाने की उम्मीद है लेकिन यह आंकड़ा भी 2023-24 के 37 प्रतिशत से कम होगा।
रेटिंग एजेंसी ने कहा कि जीएसटी दरों में कटौती और महंगाई में नरमी से खुदरा ऋण मांग को सहारा मिलेगा। संपत्ति पर लिए जाने वाले कर्ज/ सुरक्षित एमएसएमई श्रेणी की वृद्धि चालू वित्त वर्ष और अगले साल में 26–27 प्रतिशत पर सामान्य रह सकती है। सोने के ऋण (एयूएम का 6 प्रतिशत) में मजबूत वृद्धि जारी रहने की संभावना है, जबकि एनबीएफसी की कुल वृद्धि बैंक ऋण प्रवाह पर निर्भर करेगी। क्रिसिल के वरिष्ठ निदेशक अजीत वेलोनिये ने कहा कि बड़े एनबीएफसी बैंकों के अलावा वैकल्पिक स्रोतों से भी पूंजी जुटा रहे हैं, जबकि छोटे संस्थानों के लिए विकल्प सीमित हैं।