Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Jun, 2020 04:55 PM
राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश को रद्द करते हुए ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी सुराना पावर की परिसमापन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश
नई दिल्लीः राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) ने राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के आदेश को रद्द करते हुए ऊर्जा क्षेत्र की कंपनी सुराना पावर की परिसमापन प्रक्रिया शुरू करने का आदेश दिया है। एनसीएलएटी की तीन सदस्यीय पीठ ने इस बारे में कर्ज के बोझ से दबी इस कंपनी को गारंटीशुदा कर्ज देने वाली सरकारी कंपनी भारत हेवी इलेक्ट्रिकल्स लि. (भेल) की दलील को खारिज कर दिया है।
भेल दावा कर रही है कि उसके पक्ष में पंचाट फैसला आने के मद्देनजर सुराना पावर की संपत्तियों पर अकेले उसका अधिकार है। अपीलीय न्यायाधिकरण ने कहा कि संपत्तियों पर भेल का दावा विशिष्ट श्रेणी में नहीं आता। पीठ ने कहा कि सुराना पावर को गारंटी वाला कर्ज देने वाली 11 इकाइयों का कुल सुनवाई के लिए मंजूर किए गए दावों में हिस्सा 73.76 प्रतिशत है। इन इकाइयों ने पहले ही अपने प्रतिभूति हितों को छोड़ दिया है। ऐसे में सुराना पावर को परिचालन के लिए कर्ज देने वाली एक कंपनी भेल की अपील पर परिसमापन की प्रक्रिया को रोकना उचित नहीं होगा।
एनसीएलएटी ने कहा कि सुरक्षित या गारंटी वाली संपत्तियों में भेल की हिस्सेदारी सिर्फ 26.24 प्रतिशत की है। इससे पहले एनसीएलएटी की चेन्नई पीठ ने 20 जनवरी, 2019 को सुराना पावर के खिलाफ दिवाला याचिका स्वीकार की थी। हालांकि, किसी समाधान योजना को मंजूरी नहीं मिलने की वजह से कंपनी के परिसमापन का आदेश दिया गया।