Edited By Pardeep,Updated: 30 Jan, 2019 09:48 PM
सरकार चीन से आने वाले पेरासिटामोल के आयात पर डंपिंग-रोधी शुल्क की मियाद को अब और नहीं बढ़ाएगी क्योंकि घरेलू कंपनियां यह साबित करने में नाकाम रही हैं कि शुल्क समयसीमा खत्म होने के बाद इसकी डंपिंग शुरू हो जाएगी। पेरासिटामोल का उपयोग दवाओं में किया...
नई दिल्ली: सरकार चीन से आने वाले पेरासिटामोल के आयात पर डंपिंग-रोधी शुल्क की मियाद को अब और नहीं बढ़ाएगी क्योंकि घरेलू कंपनियां यह साबित करने में नाकाम रही हैं कि शुल्क समयसीमा खत्म होने के बाद इसकी डंपिंग शुरू हो जाएगी। पेरासिटामोल का उपयोग दवाओं में किया जाता है।
वाणिज्य मंत्रालय की डंपिंग जांच शाखा व्यापार उपचार महानिदेशालय (डीजीटीआर) ने अपनी जांच खत्म करने के बाद चीन से पेरासिटामोल के आयात पर डंपिंग-रोधी शुल्क नहीं जारी रखने की सिफारिश की है। डीजीटीआर ने अधिसूचना में कहा, "घरेलू उद्योग इस बात के संतोषजनक सबूत देने में नाकाम पर रहा कि डंपिंग-रोधी शुल्क के समाप्त होने से इसकी डंपिंग होगी और घरेलू उद्योग को उससे नुकसान होने की संभावना है।"
वित्त मंत्रालय ने पहली बार 2002 में पेरासिटामोल पर डंपिंग-रोधी शुल्क लगाया था। बाद में उसे बढ़ाकर 2007 किया गया फिर दोबारा पांच साल के लिए बढ़ाकर अक्टूबर 2013 किया गया था। इसके बाद फिर आगे बढ़ाकर अक्टूबर 2018 किया गया था। इस मियाद के खत्म होने से पहले मई 2018 में उद्योग ने निदेशालय का रुख किया था और शुल्क जारी रखने की मांग की थी। जांच के चलते सरकार ने शुल्क की वैध अवधि को बढ़ाकर 24 मई 2019 कर दिया था।