Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Jun, 2020 12:10 PM
कोरोना वायरस के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार मजदूरों पर पड़ी है। काम बंद होने से उनकी सैलरी भी रोक दी गई है। मजदूरों की सैलरी से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई।
बिजनेस डेस्कः कोरोना वायरस के चलते देशभर में लागू लॉकडाउन की सबसे ज्यादा मार मजदूरों पर पड़ी है। काम बंद होने से उनकी सैलरी भी रोक दी गई है। मजदूरों की सैलरी से जुड़ी याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। इस दौरान अदालत ने उद्योगों को कर्मचारियों से बात कर मसले का हल निकालने को कहा है। इसके साथ ही कोर्ट ने केंद्र सरकार को इस मामले पर 4 हफ्ते के अंदर जवाब दाखिल करने का आदेश दिया। इस दौरान किसी भी उद्योग पर दंडात्मक कार्यवाही नहीं होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने MSMEs सहित कई कंपनियों द्वारा दायर कई याचिकाओं पर आदेश दिया। कंपनियों ने गृह मंत्रालय द्वारा COVID-19 महामारी को रोकने के लिए लगाए गए लॉकडाउन के 54 दिनों की अवधि के दौरान कर्मचारियों को पूर्ण वेतन और भुगतान करने के आदेश को चुनौती दी थी। अब सुप्रीम कोर्ट को यह फैसला करना है कि मजदूरों को पूरा वेतन दिया जाए या नहीं। जुलाई के आखिरी हफ्ते में इस मामले पर अगली सुनवाई होगी।
नियोक्ताओं के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई का कोई आदेश नहीं
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अदालत के आदेश को श्रम विभागों तक सर्कुलेट करने का काम राज्य और केंद्र सरकार करें। अदालत ने कहा कि पिछले सप्ताह जुलाई तक नियोक्ताओं के खिलाफ बलपूर्वक कार्रवाई का कोई आदेश नहीं दे रहे हैं।
सुनवाई के दौरान जस्टिस भूषण ने कहा कि, 'हमने नियोक्ताओं के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं करने का निर्देश दिया। पहले के आदेश जारी रहेंगे, केंद्र द्वारा जुलाई के अंतिम सप्ताह विस्तृत हलफनामा में दाखिल किया जाना चाहिए। राज्य सरकार के श्रम विभागों के कर्मचारियों और नियोक्ताओं को सुविधा प्रदान करने के लिए बातचीत की जाए।'