SC के फैसले के बाद पीएफ संबंधी मुकदमों में आएगी कमी: RPFC

Edited By jyoti choudhary,Updated: 15 Mar, 2019 05:39 PM

pf litigations expected to come down after sc ruling rpfc

कर्मचारियों के वेतन से भविष्य निधि की कटौती के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद इस संबंध में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ इससे जुड़े मुकदमों में कमी आएगी। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है

कोलकाताः कर्मचारियों के वेतन से भविष्य निधि की कटौती के मामले में उच्चतम न्यायालय के फैसले के बाद इस संबंध में कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) के साथ इससे जुड़े मुकदमों में कमी आएगी। उच्चतम न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि ईपीएफ बकाया की गणना के लिए नियोक्ता द्वारा दिए जाने वाले विशिष्ट भत्तों को मूल वेतन का हिस्सा माना जाएगा।

उल्लेखनीय है कि वर्तमान में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों ही मूल वेतन का 12 प्रतिशत हिस्सा ईपीएफओ में जमा करते हैं। स्थानीय भविष्य निधि आयुक्त (आरपीएफसी) नवेंदू राय ने आईसीसी द्वारा ईपीएफ अधिनियम पर आयोजित एक संगोष्ठी से इतर कहा, ‘‘आदेश में ईपीएफ अधिनियम की मौजूदा धाराओं को बरकरार रखा गया है। इस फैसले के बाद उम्मीद है कि पीएफ कटौती से संबंधित मुकदमों में कमी आएगी।’’

उच्चतम न्यायालय का यह फैसला इस सवाल की सुनवाई पर आया कि किसी प्रतिष्ठान द्वारा कर्मचारियों को दिए जाने विशिष्ट भत्तों को कर्मचारी भविष्य निधि एवं विविध प्रावधान अधिनियम 1952 के तहत पीएफ कटौती की गणना के लिए मूलभूत वेतन में शामिल माना जाएगा। केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त एस.के.संगमा ने बताया कि किसी कर्मचारी के पुराने नियोक्ता का भविष्य निधि बैलेंस अब स्वत: ही हस्तांतरित हो जाएगा।      

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