Edited By jyoti choudhary,Updated: 18 Nov, 2018 11:16 AM
केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच बढ़ते गतिरोध के बाद 19 नवंबर को RBI बोर्ड की बैठक होनी है। इस अहम बैठक से ठीक पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली की अहम टिप्पणी सामने आई है।
मुंबईः केंद्र सरकार और रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के बीच बढ़ते गतिरोध के बाद 19 नवंबर को RBI बोर्ड की बैठक होनी है। इस अहम बैठक से ठीक पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली की अहम टिप्पणी सामने आई है। जेटली ने कहा है कि क्रेडिट फ्लो, तरलता और कर्ज उपलब्धता की कमी के चलते आर्थिक वृद्धि का गला नहीं घुटना चाहिए। जेटली ने इसे महत्वपूर्ण मुद्दा बताया है।
वित्त मंत्री ने RBI के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन द्वारा शुरू किए गए आरबीआई संपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा का भी समर्थन किया। जेटली ने कहा कि संपत्ति की गुणवत्ता की समीक्षा ने छिपे हुए बैड लोन को सामने ला दिया। उन्होंने कहा कि इससे पता चला कि डिस्क्लोजर पारदर्शी या सम्मानजनक नहीं थे।
वित्त मंत्री ने कहा कि 2008 से 2014 के दौरान सामूहिक रूप शनिवार को पेट्रोल-़डीजल की कीमत में 19-19 पैसे की कटौती देखी गई। दिल्ली में शनिवार को पेट्रोल कीमत 76.91 रुपए और डीजल की कीमत 71.74 रुपए प्रति लीटर हो गई। उन्होंने कहा कि हालांकि इन्सॉल्वेंसी ऐंड बैंकरप्सी कोड बैड लोन की समस्या से निपट रहा है लेकिन, 'यह काम इस तरह से होना चाहिए जिसमें आप बैंकों की स्थिति को दुरुस्त कर सकें, जहां तक बैंकिंग प्रणाली की बात है आप इसमें अनुशासन बहाल कर सकें लेकिन साथ ही यह भी ध्यान रखना होगा कि बाजार में नकदी और कर्ज सीमित होने पर आर्थिक वृद्धि को इसका खामियाजा नहीं भुगतना चाहिए।'
इसके साथ उन्होंने यह भी कहा कि हम एक समस्या के गलत निदान की ओर देख रहे हैं जबकि इसके सरल निदान उपलब्ध हैं। जेटली की तरफ से ये टिप्पणियां ऐसे समय आई हैं जब 19 नवंबर को रिजर्व बैंक के निदेशक मंडल की अहम बैठक होने वाली है। इस बैठक में सरकार रिजर्व बैंक निदेशक मंडल में नामित अपने प्रतिनिधियों के जरिए आर्थिक वृद्धि को समर्थन देने वाले उपायों पर जोर डालेगी।
इन उपायों में गैर-बैंकिंग क्षेत्र के लिए तरलता बढ़ाने के वास्ते विशेष खिड़की सुविधा उपलब्ध कराने, बैंकों की त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई नियमों में ढील देने और लघु उद्यमियों को आसानी से कर्ज उपलब्ध कराने की मांग शामिल है। सरकार रिजर्व बैंक से अपनी बात मनवाने के लिए रिजर्व बैंक कानून की धारा सात के तहत विचार विमर्श की प्रक्रिया शुरू की है। इस धारा के तहत सरकार सार्वजनिक हित में रिजर्व बैंक गवर्नर को निर्देश दे सकती है।