Edited By ,Updated: 01 May, 2017 10:48 AM
आज 1 अप्रैल सोमवार से पूरे देश में रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट (रेरा) लागू हो गया है। इस एक्ट के ...
नई दिल्ली: आज 1 अप्रैल सोमवार से पूरे देश में रियल एस्टेट रेग्युलेशन एक्ट (रेरा) लागू हो गया है। इस एक्ट के लागू होने से देश का रियल एस्टेट सेक्टर का नया दौर शुरू हो गया। इसके बाद अब घर खरीदने वाले की भूमिका राजा की तरह होगी। इस एक्ट के लागू होने से घर खरीददारों को सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि अब खरीदार, डेवलपर्स के चंगुल में नहीं फंस पाएंगे। खरीदार का काम समय पर नहीं करने या को झांसा देने वाले डेवलपर्स को 3 साल तक की जेल हो सकती है।
जानकारी के अनुसार रेरा लागू होने के 90 दिन के भीतर यानी जुलाई 2017 तक सभी डेवलपर्स को अपने प्रोजेक्ट्स रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी के पास रजिस्टर कराने होंगे। डेवलपर्स को अपने हर प्रोजेक्ट का सेंक्शन प्लान और लेआउट प्लान अपनी वेबसाइट के अलावा अपने सभी ऑफिसों और साइट में डिस्प्ले करना होगा। इसके बाद ही डेवलपर्स प्रोजेक्ट को बेचना शुरू कर पाएंगे।
यही नहीं रियल एस्टेट एक्ट में प्रावधान किया गया है कि डेवलपर्स को खरीदार के साथ अनुबंध करते वक्त प्रोजेक्ट पूरा होने और अधिपत्य देने की तारीख बतानी होगी। एक्ट के अनुसार आधिपत्य देने में देरी होने पर डेवलपर्स को स्टेट बैंक के ब्याज दर से दो फीसदी अधिक ब्याज देना होगा। ऐसा न होने पर खरीदार रेग्युलेटर से शिकायत करने पर डेवलपर्स को 3 साल तक तक की सजा हो सकती है।
इसके अलावा इस कानून में यह प्रावधान भी किया गया है कि खरीदार को आधिपत्य देने के 5 साल तक निर्माण में किसी कमी की डेवलपर्स की जिम्मेदारी रहेगी। डेवलपर्स को खरीदार से इकट्ठा किया गया 70 फीसदी रुपया एक अलग खाते में जमा कराना होगा और यह रुपया किसी दूसरे प्रोजेक्ट पर खर्च नहीं किया जाएगा।