Edited By Supreet Kaur,Updated: 31 May, 2018 10:37 AM
रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने बिल्डरों की मनमानी और जालसाजी पर नकेल कसने वाला फैसला सुनाया है। यदि ग्राहक बिल्डर से किसी कारणवश फ्लैट सेल अग्रीमेंट रद्द करता है, तो ग्राहक का रुपया तय तारीख तक नहीं लौटाए जाने पर बिल्डर की परियोजना सीज कर...
मुंबईः रियल एस्टेट रेग्युलेटरी अथॉरिटी (रेरा) ने बिल्डरों की मनमानी और जालसाजी पर नकेल कसने वाला फैसला सुनाया है। यदि ग्राहक बिल्डर से किसी कारणवश फ्लैट सेल अग्रीमेंट रद्द करता है, तो ग्राहक का रुपया तय तारीख तक नहीं लौटाए जाने पर बिल्डर की परियोजना सीज कर दी जाएगी। फिर बिल्डर परियोजना का घर नहीं बेच सकेगा।
रेरा ने दिया यह आदेश
रेरा के तहत मामले की शिकायत दर्ज की गई। इसकी सुनवाई महारेरा सदस्य बी.डी. कापडनिस ने की। सुनवाई के दौरान पाया गया कि बिल्डर ने ग्राहकों को रुपए नहीं लौटाए हैं और रेरा नियमों का उल्लंघन किया है। इसके बाद बिल्डर को रेरा ने आदेश दिया कि वह ग्राहकों के रुपए ब्याज समेत लौटाए और साथ ही शिकायत की परेशानी उठाने के ऐवज में 20 हजार रुपए भी दे। बिल्डर जब तक ग्राहकों के रुपए नहीं लौटाता, वह तब तक परियोजना की बिक्री नहीं कर सकता।
ग्राहकों को बड़ी राहत
बता दें कि यदि बिल्डर परियोजना करार रद्द कर देता है और तय तिथि पर रुपए नहीं लौटाता है, तो ग्राहक के पास कोर्ट जाने के अलावा कोई रास्ता नहीं रहता और कोर्ट-कचहरी के चक्कर में ग्राहकों के रुपए तो खर्च होते ही हैं, उनका कीमती समय भी जाया होता है। ऐसे ग्राहक रेरा के तहत मामले की शिकायत कर सकते हैं।