RBI Monetary Policy: सस्ते लोन की उम्मीदों पर फिरा पानी, रेपाे रेट में नहीं हुआ कोई बदलाव

Edited By vasudha,Updated: 07 Apr, 2021 12:08 PM

reserve bank of india repo rate

भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर आम आदमी की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को रेपो रेट के स्थिर रखने का ऐलान किया है। यानी कि रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो...

बिजनेस डेस्क: भारतीय रिजर्व बैंक ने एक बार फिर आम आदमी की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को  चालू वित्त वर्ष की पहली नीतिगत समीक्षा के दौरान नितिगत दरों में कोई बदलाव न होने का ऐलनान करते हुए कहा कि  वृद्धि को समर्थन देने तथा मुद्रास्फीति को लक्षित स्पर पर बनाए रखने के लिए केंद्रीय बैंक उदार मौद्रिक नीति को जारी रखेगा।  यानी कि  रेपो रेट 4 फीसदी और रिवर्स रेपो रेट 3.35 फीसदी पर बरकरार रहेगा।

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आरबीआई गवर्नर ने कहा कि हाल में कोविड-19 संक्रमण में बढ़ोतरी ने आर्थिक वृद्धि दर में सुधार को लेकर अनिश्चितता पैदा की है। साथ ही उन्होंने वायरस के प्रकोप को रोकने और आर्थिक सुधारों पर ध्यान दिए जाने की आवश्यकाता पर बल दिया। केंद्रीय बैंक ने वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को 10.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। दास ने कहा कि केंद्रीय बैंक प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा, ताकि उत्पादक क्षेत्रों को ऋण आसानी से मिले। 

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आरबीआई की मुख्य बातें इस प्रकार:-

  • वित्त वर्ष 2021-22 की पहली मौद्रिक समीक्षा में वित्त वर्ष 2021-22 के लिए आर्थिक वृद्धि के लक्ष्य को 10.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा। 
  • केंद्रीय बैंक प्रणाली में पर्याप्त नकदी सुनिश्चित करेगा, ताकि उत्पादक क्षेत्रों को ऋण आसानी से मिले। 
  • आरबीआई सरकारी उधारी कार्यक्रम का सुव्यवस्थित संचालन सुनिश्चित करेगा, वित्तीय स्थिरता कायम रखी जाएगी। 
  • आरबीआई ने नाबार्ड, एनएचबी और सिडबी को अतिरिक्त 50,000 रुपये देने की सुविधा की घोषणा की, ताकि वे चालू वित्त वर्ष में अधिक नये कर्ज दे सकें।
  • राज्यों की अल्पकालिक जरूरत के लिए (डब्ल्यूएमए) उधार की सुविधा बढ़ाकर सकल रूप से 47,010 करोड़ रुपये किया।
  • वित्त वर्ष 2022 में सीपीआई 5.1 फीसदी रह सकती है। पहली और दूसरी तिमाही में खुदरा महंगाई दर 5.20 फीसदी रह सकती है। चौथी तिमाही में यह पांच फीसदी हो सकती है।
  • खाने-पीने वाले के सामानों की मंहगाई दक्षिण-पश्चिम मानसून और पेट्रोल-डीजल पर लगने वाले टैक्स पर निर्भर करेगी।
  • बाजार में तरलता बढ़ने पर जोर रहेगा। वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में केंद्रीय बैंक एक लाख करोड़ रुपये का बॉन्ड खरीदेगा। 
  • सरकारी सिक्योरिटीज प्रोग्राम के तहत 25,000 करोड़ रुपये का बॉन्ड खरीदे जाएंगे।

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दास ने कहा  कि सरकार की मदद से भारतीय रिजर्व बैंक कोरोना वायरस के मद्देनजर देश की अर्थव्यवस्था में आ रहे बदलाव को दिशा देने के लिए हर संभव उपाय करेगा। केंद्रीय बैंक सिस्टम में पर्याप्त तरलता उपलब्ध कराने के लिए कदम उठा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में ग्रामीण इलाके से ग्राहकों की मांग में तेजी दर्ज की जा रही है, जबकि अब शहरी इलाकों से भी ग्राहकों की मांग में सुधार के संकेत मिल रहे हैं। दुनिया भर में कोरोनावायरस का टीकाकरण चलने की वजह से आर्थिक रिकवरी आ रही है। इसके साथ ही दुनियाभर के बैंकिंग नियामक मौद्रिक नीतियों को नरम कर रहे हैं, जिससे ग्लोबल जीडीपी को मदद मिल सके। देश में बड़े पैमाने पर टीकाकरण अभियान चलने की वजह से भारत की जीडीपी ग्रोथ की उम्मीद भी मजबूत हुई हैं।

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