ई-सिगरेट के आयात पर पाबंदी को कड़ाई से लागू किया जाएः राजस्व विभाग

Edited By Supreet Kaur,Updated: 09 Oct, 2019 12:13 PM

restrictions on e cigarette imports should be strictly enforced

राजस्व विभाग ने सीमा शुल्क अधिकारियों से ई-सिगरेट के आयात पर पाबंदी का कड़ाई से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है। सरकार ने लोगों खासकर युवाओं के स्वास्थ्य को खतरा को देखते हुए ई-सिगरेट और उसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के उत्पादन, आयात और...

नई दिल्लीः राजस्व विभाग ने सीमा शुल्क अधिकारियों से ई-सिगरेट के आयात पर पाबंदी का कड़ाई से क्रियान्वयन सुनिश्चित करने को कहा है। सरकार ने लोगों खासकर युवाओं के स्वास्थ्य को खतरा को देखते हुए ई-सिगरेट और उसी तरह के इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों के उत्पादन, आयात और बिक्री पर पाबंदी लगा दी है।

ई-सिगरेट को तकनीकी रूप से ईएनडीएस (इलेक्ट्रॉनिक निकोटीन डिलिवरी सिस्टम) कहा जाता है। वाणिज्य मंत्रालय ई-सिगरेट या उसे भरने वाली मशीन (रिफिल पॉड) समेत अन्य संबंधित उत्पादों के आयात और निर्यात पर पाबंदी के लिए पहले ही अधिसूचना जारी कर चुका है। सीमा शुल्क विभाग ने एक ताजा परिपत्र में कहा कि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने वाणिज्य मंत्रालय की अधिसूचनाओं का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करने को कहा है ताकि ऐसी वस्तुओं के आयात/ निर्यात के किसी भी प्रयास पर प्रभावी रोक लगाई जा सके।

ई-सिगरेट के उत्पादन, आयात, निर्यात, बिक्री या विज्ञापनों पर अध्यादेश के जरिए प्रतिबंध लगाया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ईएनडीएस पर पाबंदी के निर्णय की घोषणा करते हुए कहा था कि कई विज्ञापन पत्रिकाओं के अनुसार अमेरिका में करीब 30 लाख लोग ई-सिगरेट का नियमित तौर पर उपयोग कर रहे हैं और केवल चार-पांच साल में ई-सिगरेट में 900 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उन्होंने कहा था कि ई-सिगरेट में निकोटीन होने के कारण इसका सेवन करने वालों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। अमेरिका और कई पश्चिमी देशों में इसको लेकर पहले ही चिंता जतायी जा रही है। 
 

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