खुदरा महंगाई दर अक्टूबर में 4.62 फीसदी, 15 महीनों में सबसे ज्यादा

Edited By jyoti choudhary,Updated: 13 Nov, 2019 06:47 PM

retail inflation rate 4 62 percent in october highest in 15 months

खुदरा मुद्रास्फीति से जुड़े अक्टूबर महीने के आकड़े आ गए हैं। सरकारी आकंड़ों के मुताबिक अक्टूबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति 4.62 फीसदी पहुंच गई है, जो बीते महीने यानी सितंबर में 3.99 फीसदी पर थी। खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर महीने में आरबीआई के

नई दिल्ली: खुदरा मुद्रास्फीति से जुड़े अक्टूबर महीने के आकड़े आ गए हैं। अक्तूबर महीने में खुदरा महंगाई दर आरबीआई के अनुमान से कहीं ज्यादा स्तर पर पहुंच गई। प्याज-टमाटर और अन्य सब्जियों की कीमतों में 26 फीसदी का इजाफा होने की वजह से पिछले महीने महंगाई दर 4.62 फीसदी दर्ज की गई, जो बीते महीने यानी सितंबर में 3.99 फीसदी पर थी। वहीं पिछले साल अक्तूबर में यह 3.38 फीसदी रही थी। आरबीआई ने खुदरा महंगाई दर के लिए 4 फीसदी का अनुमान लगाया था। यह पिछले 15 महीनों का सर्वोच्च स्तर है। जुलाई 2018 के बाद से पहला मौका जब खुदरा मुद्रास्फीति इस स्तर पर पहुंची है।

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खुदरा महंगाई दर बढ़ने में सबसे बड़ा योगदान खाद्य उत्पादों का रहता है। दालों की कीमतें 8.4 फीसदी से बढ़कर 11.72 फीसदी पर पहुंच गई। देश के ग्रामीण इलाकों में भी महंगाई दर में इजाफा हुआ है। यह अक्तूबर माह में 4.29 फीसदी रही, जो सितंबर में 3.24 फीसदी थी। कपड़े और फुटवियर में महंगाई 1.65 फीसदी रही। वहीं शहरी इलाकों में खाद्य महंगाई दर 10.47 फीसदी रही। यह सितंबर माह में 8.76 फीसदी रही थी। 

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मिनिस्ट्री ऑफ स्टैटिस्टिक्स एंड प्रोग्राम इंप्लिमेंटेशन (MOSPI) के मुताबिक, खाने-पीने की चीजों के दाम बढ़ने के कारण यह तेजी आई है। खुदरा महंगाई पर काबू पाने के लिए सरकार ने एक मीडियम टर्म इनफ्लेशन टारगेट तय किया है। इसके तहत मार्च 2021 तक महंगाई दर की ग्रोथ को 4 फीसदी बनाए रखने की कोशिश की जाएगी। अक्टूबर में फूड प्राइस की ग्रोथ 7.89 फीसदी रही। इसकी वजह से खुदरा महंगाई दर बढ़ी है।

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क्या करेगा RBI
अर्थव्यवस्था की सुस्ती दूर करने के लिए RBI लगातार रेपो रेट में कटौती कर रहा है। अब अगर अक्टूबर में महंगाई दर बढ़ जाती है तो RBI को अपनी पॉलिसी बदलनी होगी। इस साल अब तक RBI रेपो रेट में 1.35 फीसदी कटौती कर चुका है। रेपो रेट अभी 5.15 फीसदी है।

सितंबर में इंडिया के फैक्ट्री आउटपुट में 4.3 फीसदी की कमी आई है। इससे पहले अगस्त में भी फैक्ट्री आउटपुट घटा था। फैक्ट्री आउटपुट का यह सिरीज अप्रैल 2012 में लॉन्च हुआ था। तब से लेकर अब तक की यह सबसे बड़ी गिरावट है। SBI ने भी अपनी एक हालिया रिपोर्ट में कहा है कि जुलाई-सितंबर तिमाही में GDP की ग्रोथ 4.2 फीसदी रह सकती है।

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